Free Tablet Scheme : हरियाणा सरकार के द्वारा युवाओं तक नई चीजें सीखने और इंटरनेट दुनिया तक पहुंच बनाने के लिए टैबलेट वितरीत किए जाने की योजना बनाई गई लेकिन अब इस Scheme पर विवाद उठ गया है।
हरियाणा सरकार समय-समय पर युवाओं के लिए कई योजनाएं लेकर आती रहती है देखा जाए तो Covid के बाद से छात्रों की पढ़ाई-लिखाई बाधित ना हो इसके लिए Online Education पर जोर दिया जा रहा है। जिसके लिए छात्रों की टैबलेट और स्मार्टफोन तक पहुंच बनाने के लिए मनोहर लाल सरकार की तरफ से फ्री टैबलेट स्कीम चलाई जा रही है लेकिन अब इस स्कीम पर विवाद छिड़ गया है। दरअसल, जींद जिले के कसूहन गांव में एक महत्वपूर्ण मीटिंग के दौरान गांववासियों ने इस स्कीम को लेकर विरोध जताया। गांव वासियों का कहना है, कि यह स्कीम बच्चों को पढ़ाई से दूर कर रही है। टैबलेट से बच्चे पढ़ाई नहीं करते हैं बल्कि
पढ़ाई छोड़कर फेसबुक और इंस्टाग्राम पर रील्स बनाने लगते हैं और अपना सारा समय इंस्टाग्राम और फेसबुक पर बर्बाद करते हैं।
इस मीटिंग के दौरान गांव वासियों ने मांग उठाई की भलाई इसी में है, कि सरकार इस योजना को वापस ले लें और बच्चों को पहले की तरह स्कूल में ही पढ़ाई करवाई जाए। ग्रामीण माता-पिता का कहना है, कि बच्चे टैबलेट में सारा दिन Busy रहते हैं और सोशल मीडिया पर रिल्स बनाते रहते हैं ऐसा करने से बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है।
देखा जाए तो यह स्थिति बच्चों को शिक्षा से दूर कर रही है और ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की तरफ ज्यादा ध्यान आकर्षित कर रही है। इस बारे में गांव वासियों का कहना है, कि इससे पहले भी पंचायत ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर इस योजना का विरोध किया है गांव के लोगों की मांग है, कि बच्चों को टैबलेट देने की बजाय स्कूल भेजा जाए और वहीं पर तकनीकी जानकारी दी जाए।
गांव वासियों का कहना है, कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगी तो वह बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। वह उम्मीद कर रहें, कि सरकार जल्द उनकी मांगों के बारें में सोच विचार करें ताकि बच्चों की शिक्षा को सुरक्षित किया जा सकें।