WFI President Sanjay Singh: लंबे समय से पेडिंग पड़े भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का चुनाव आखिरकार संपन्न हो गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव गुरुवार को कराए गए। चुनाव में कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (wfi president brij bhushan) से समर्थन प्राप्त संजय सिंह (Sanjay Singh) कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष बने हैं। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण को मात दी।
संजय सिंह (Sanjay Singh) ने जीत का किया था दावा
संजय सिंह (Sanjay Singh) ने दावा किया था कि उनका खेमा चुनाव में हर पद पर जीतेगा और उन्होंने खुद जीत हासिल कर इसे सच साबित किया। इससे यह भी साफ हो गया है कि भारतीय कुश्ती महासंघ में अभी भी बृजभूषण शरण सिंह का दबदबा कायम है। साथ ही भारतीय कुश्ती में अप्रत्यक्ष तौर पर ही सही, एक बार फिर बृजभूषण शरण का राज कायम हो गया है।
कौन हैं नए अध्यक्ष संजय सिंह?
कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह (Sanjay Singh) को ‘बबलू’ नाम से भी जाना जाता है। वह उत्तर प्रदेश के कुश्ती संघ और राष्ट्रीय कुश्ती संघ दोनों में पदाधिकारी रह चुके हैं। वह साल 2019 में भारतीय कुश्ती संघ की कार्यकारी समिति में संयुक्त सचिव पद के लिए चुने गए थे। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले हैं। 2008 में वह वाराणसी कुश्ती संघ के जिला अध्यक्ष बने थे।
प्रेमचंद लोचब बने महासचिव
बता दें कि कुश्ती महासंघ का चुनाव लंबे समय से टाला जा रहा था। हालांकि, जब चुनाव हुए तो बृजभूषण शरण सिंह खेमे का दबदबा दिखा है। उनके समर्थन वाले पैनल ने अधिकांश पद पर आसान जीत दर्ज की है।
उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय सिंह को 40 वोट मिले। उनकी प्रतिद्वंद्वी अनिता श्योराण को सात मत मिले। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनिता का पैनल महासचिव पद अपने नाम करने में सफल रहा। इस पद के लिए प्रेम चंद लोचब ने दर्शन लाल को हराया है।
वैश्किक संस्था से प्रतिबंध हटेगा
नई कार्यकारी परिषद के चुनाव से डब्ल्यूएफआई पर लगे वैश्विक संचालन संस्था यूनाईटेड वर्ल्ड रेस्लिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के प्रतिबंध को हटाने का भी रास्ता साफ हो जाएगा। यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने समय पर चुनाव नहीं कराने के लिए डब्ल्यूएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे भारतीय पहलवानों को 2023 विश्व चैंपियनशिप में तटस्थ खिलाड़ियों के रूप में प्रतिस्पर्धा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।