देश रोज़ाना: जीवन को शांति से जीना कौन पसंद नहीं करता। हरेक व्यक्ति शांति और सद्भाव के साथ जीवन जीना पसंद करता है। लेकिन हम सबके जीवन में कुछ न कुछ मुसीबतें आती रहती है। जिससे इंसान काफी हद तक परेशान हो जाता है। इसीलिए एक दिन शांति का रखा गया है। हर साल विश्व 21 सितंबर को विश्व शांति दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत 1982 से हुई थी। जिसकी थीम राइट टू पीस ऑफ पीपल रखी गई थी।
सफेद कबूतर को शांति का प्रतीक माना जाता है। शांति का पैगाम देने के लिए कबूतर को उड़ाया जाता है। दुनिया भर के देशों और नागरिकों के बीच शांति के संदेश का प्रचार प्रसार करने के लिए अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस मनाया जाता है। इस दिन एक दूसरे से शांति कायम रखने की अपेक्षा की जाती है इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र से लेकर अलग-अलग ऑर्गनाइजेशन स्कूल और कॉलेज में शांति दिवस को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हर वर्ष तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। हर वर्ष अलग अलग थीम रखी जाती है।
साल 2022 में अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस की थीम “जातिवाद खत्म करें, शांति का निर्माण करें” (End Racism, Build Peace) रखा गया है। इस थीम का अर्थ है, दुनिया में एक ऐसे समाज का निर्माण करना जो किसी भी जाति से परे हो, सभी के साथ समान व्यवहार के साथ जीना जो सही मायने में शांति प्राप्त करने के लिए ऐसे समाज का निर्माण और विकास करता है। अतः अहिंसा और संघर्ष को छोड़कर विश्व में शांति कायम करना है। यही इस दिन का मुख्य उद्देश्य है।
हर वर्ष शांति दिवस का आयोजन केवल इसीलिए किया जाता है ताकि लोगों में सद्भाव की एक भावना बनी रही है। और आगे आने वाली पीढ़ी में एक प्रेम भाव बना रहा है। लेकिन जैसे जैसे दुनिया आगे बढ़ रही है। वैसे वैसे लोगों की मानसिकता भी बदलती जा रही है। लोग धर्मों के नाम पर लड़ना बहुत पसंद करते है। देश समाज में क्या चल रहा है इससे कोई मतलब नहीं है।