भिवाड़ी की फैक्ट्रियों से धारूहेड़ा में आने वाले प्रदूषित और केमिकलयुक्त पानी से परेशान धारूहेड़ा के लोगों के आक्रोश का परिणाम एफआईआर के रूप में सामने आ गया है । हालांकि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से करवाई गई एफआईआर में राजस्थान के किसी अधिकारी एवं विभाग का नाम अंकित नहीं हुआ है। अब देखना यह है कि प्रदूषण बोर्ड द्वारा कराई गई इस ब्लाइंड एफआईआर का क्या परिणाम सामने आता है।
राजस्थान के भिवाड़ी में केमिकलयुक्त व दूषित पानी पिछले लंबे समय से धारूहेड़ा में आ रहा है। इस बार भी बरसात के इस मौसम में ऐसा देखने को मिला है, लेकिन इस बार के पानी ने कस्बा के लोगों का जीवन एकदम नरक बना दिया है वहीं हाईवे पर चलने वाले वाहनों के लिए भी पानी परेशानी का कारण बन गया है । केमिकलयुक्त वाले पानी से कस्बा के मिनी तालाब में बदल जाने से लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचा हुआ है । लोगों ने धरना प्रदर्शन करने के बाद एक दिन अपनी दुकानें बंद रखकर इस अव्यवस्था के प्रति अपना ग़ुस्सा भी जाहिर किया। कई बार हरियाणा और राजस्थान के अधिकारियों के बीच हो चुकी बातचीत के बावजूद समस्या का समाधान न निकलने पर स्थानीय नेता भी आक्रोशित होकर धारूहेड़ा पहुंच गए जिसके बाद उन्होंने लोगों के सुर से सुर मिलाया । दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने पिछले कुछ दिनों में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक संदेश पहुंचाते हुए कहा कि यदि भिवाड़ी से फैक्ट्रियों का केमिकलयुक्त एवं दूषित पानी आना बंद नहीं किया गया तो हरियाणा सरकार द्वारा राजस्थान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक़ हरियाणा राज्य के पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने एफआईआर दर्ज़ करवा दी है लेकिन उसमें राजस्थान के किसी भी अधिकारी तथा विभाग का कोई नाम नहीं आया है। पुलिस ने शिकायत को पर्यावरण सरंक्षण अधिनियम 1986 के तहत दर्ज़ किया है। देखने वाली बात यह होगी की ब्लाइंड एफआईआर क्या रंग लाती है ?