प्रेगनेंसी,महिलाओं के जीवन का बहुत सुनहरा समय होता है। उस समय वह एक नई जिंदगी को जन्म देने की प्रक्रिया में होती है। उस दौरान, उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, उनमें से एक हार्टबीट का तेज होना और कई बार हार्टबीट चिंता का विषय भी बन जाता है। क्या सच में चिंता करनी चाहिए? वही आज हम डॉक्टर की सलाह से जानेंगे कि किया गर्भावस्था के समय में दिल की धड़कन का तेज हो जाना कितना सामान्य है और क्या इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
हार्ट बीट तेज क्यों होता है
जब महिला गर्भवती होती हैं, तब उनके शरीर में बहुत सारे बदलाव देकने को मिलते हैं। उनमें में एक है दिल की धड़कन का तेज हो जाना। डॉक्टर्स बताते हैं , कि गर्भावस्था के समय शरीर में खून की मात्रा बढ़ जाती है। वही इस बढ़े हुए खून का काम होता है माँ और बच्चे दोनों को जरूरी पोषण और ऑक्सीजन पहुंचाना। इसलिए,जब खून बढ़ता है। तब दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और इस वजह से दिल की धड़कन तेज हो जाती है इसलिए,अगर आपका दिल तेजी से धड़कता है और यह बहुत सामान्य हैं।
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दिल का धड़कन कितनी होनी चाहिए
डॉक्टर्स बताते हैं कि आमतौर पर, गर्भावस्था में दिल की धड़कन 70-90 धड़कन प्रति मिनट से बढ़कर 80-100 धड़कन प्रति मिनट तक होनी चाहिए। दरअशल यह बदलाव दोनों के सेहत के लिए जरूरी है. हालांकि ,गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में आप देखती हैं कि आपके दिल की धड़कन में हल्की वृद्धि होती है। फिर, जैसे-जैसे समय बढ़ता जाता है, खासकर दूसरे तीसरे महीने से इस वृद्धि को और ज्यादा महसूस किया जा सकता है। वही इससे आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।
डॉक्टर से संपर्क करें
यदि हार्टबीट में तेजी के साथ-साथ अन्य लक्षण जैसे कि सांस लेने में दिक्कत होना ,चक्कर आना और सीने में दर्द महसूस होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह हार्टबीट की सामान्य वृद्धि से हटके कुछ और गंभीर हो सकता है।
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