शिशुओं को हल्की-फुल्की गुदगुदी से नुक्सान नहीं पहुंचता लेकिन यदि आप उन्हें ज्यादा तेज़ी से गुदगुदी करते हैं तो उनके लिए यह नुकसानदेह साबित हो सकता है। छोटे बच्चों को खुश करने के लिए माता पिता कई बार उन्हें गुदगुदी करते हैं। शायद आपने भी कभी नवजात शिशु को हंसाने के लिए ऐसा किया होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करने से आपके बच्चे को तकलीफ हो सकती है। जी हां, आपने यह सच है। बच्चा जब छोटा होता है तो उसके चेहरे पर आने वाली हर मुस्कुराहट हंसी का संकेत नहीं देती है। लेकिन कई बार माता पिता इसे उनकी हंसी समझकर उन्हें और ज्यादा गुदगुदी करने लगते हैं। जिसकी वजह से उन्हें तकलीफ होती है।
गुदगुदी दो प्रकार की होती हैं पहली निसमेसिस और दूसरी गार्गालेसिस। निसमेसिस गुदगुदी वह होती जोकि किसी व्यक्ति के हलके स्पर्श से होती है। जबकि गार्गालेसिस गुदगुदी से व्यक्ति ठहाके लगाकर हंसता है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में हुई एक रिसर्च के मुताबिक शिशुओंको गुदगुदी करने से उसे दर्द महसूस हो सकता है। अबतक ऐसी कई घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं जिनमें गुदगुदी की वजह से कई जानें भी जा चुकी हैं।
पेट और सीने में होती है तकलीफ
हालांकि शिशुओं के लिए हल्की-फुल्की गुदगुदी नुकसानदेह साबित नहीं होती। लेकिन अगर आप उसे ज्यादा तेज़ गुदगुदी करते हैं तो इससे उसे बेहद नुक्सान पहुंच सकता है। इस दौरान बच्चे को दर्द का अनुभव हो सकता है। चूंकि बच्चे छोटे होते हैं इसलिए ऐसे में वे अपनी तकलीफ आपके सामने प्रकट नहीं कर पाते। हालांकि गुदगुदी के दौरान उन्हें पेट और सीने में तकलीफ हो सकते हैं।
हिचकी आने लगती हैं
केवलितना ही नहीं इसके अलावा शिशुओं को गुदगुदी करने के कारण उन्हें हिचकी भी आ सकती हैं। जिसके कारण वे चिड़चिड़े होकर रोना शुरू कर देते हैं। गुदगुदी की वजह से उनके अंगों पर जोर के झटके लगते हैं। जिसकी वजह से उन्हें बाहरी और आंतरिक अंगों में चोट भी आ सकती है। छोटे बच्चे अपनी तकलीफ को बोलकर बयां नहीं कर पाते इसलिए ऐसे में माता पिता को बच्चों के साथ ऐसा करने से बचना चाहिए।