राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान एक बड़ी घटना सामने आई है। चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारी (एसडीएम) अमित चौधरी को निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया। यह घटना उस समय हुई जब अमित चौधरी समरावता गांव के लोगों को मतदान में भाग लेने के लिए मनाने का प्रयास कर रहे थे। यह गांव उपचुनाव का बहिष्कार कर रहा था क्योंकि ग्रामीण चाहते थे कि उनका गांव उनियारा तहसील में शामिल किया जाए, जो उनके लिए अधिक सुविधाजनक है।
नरेश मीणा, जो कांग्रेस का हाथ छोड़कर इस बार निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, ने एसडीएम पर यह हमला किया। ग्रामीणों के अनुसार, उनके कई समस्याओं को लेकर प्रशासन से असंतोष है, जिनमें मुख्य रूप से पानी और सड़क से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं। इन समस्याओं को लेकर मीणा ने प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए अपने समर्थकों के साथ गांव में धरना भी शुरू कर दिया और अपने समर्थकों को लाठी-डंडों के साथ गांव में आने का आह्वान किया।
इस घटना के बाद राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) के अधिकारियों में आक्रोश फैल गया है। आरएएस अधिकारियों के संघ ने मांग की है कि नरेश मीणा को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और चेतावनी दी है कि अगर गिरफ्तारी नहीं होती है, तो वे पूरे राज्य में ‘पेन डाउन’ हड़ताल शुरू करेंगे। इस हड़ताल का मतलब है कि अधिकारी अपने कार्यों का बहिष्कार करेंगे और सरकारी कामकाज ठप हो जाएगा।
टोंक जिले की जिला निर्वाचन अधिकारी और जिलाधिकारी सौम्या झा ने बताया कि समरावता गांव के लोगों ने उपचुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। गांव के लोगों का कहना है कि उनकी मांग है कि उन्हें उनियारा तहसील में शामिल किया जाए, जो नगर फोर्ट तहसील से ज्यादा नजदीक है। इस मांग पर प्रशासन ने उन्हें 30 अक्टूबर को आश्वासन भी दिया था कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद इस पर विचार किया जाएगा।
चुनाव के दिन, जब एसडीएम अमित चौधरी ग्रामीणों को मतदान के लिए समझाने के लिए गांव गए, तभी निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने उन पर हमला कर दिया। इस घटना के बाद मीणा ने गांव में अपना धरना शुरू किया और लोगों से प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए एकत्रित होने को कहा।
मीणा ने अपने समर्थकों से कहा कि वे अपनी शिकायतें, विशेषकर पानी और सड़क की समस्याओं को लेकर धरना स्थल पर जिलाधिकारी के सामने रखें। इस प्रकार का आक्रामक कदम उनके समर्थकों में असंतोष को बढ़ावा दे रहा है और प्रशासन पर दबाव डाल रहा है।
राज्य में इस घटना के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया है।