राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने समाज में भेदभाव खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जब हम सबके लिए मंगल कामना करते हैं, तो किसी में भेदभाव कैसे कर सकते हैं? वे झोटवाड़ा में विजया दशमी उत्सव को संबोधित कर रहे थे।
भैय्याजी ने स्पष्ट किया कि व्यक्ति को जन्म के आधार पर नहीं बांटा जा सकता। उन्होंने जाति के आधार पर विभाजन पर सवाल उठाया और कहा, “क्या कोई बता सकता है कि हरिद्वार किस जाति का है? 12 ज्योतिर्लिंग किस जाति के हैं? क्या 51 शक्तिपीठ किसी एक जाति के हैं?” उन्होंने कहा कि भेदभाव को खत्म करना जरूरी है ताकि हिंदू समाज मजबूत बन सके।
भैय्याजी ने यह भी कहा कि अपने देश को स्वच्छ रखने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान का उदाहरण दिया और कहा कि हमें अपने कर्तव्यों पर ध्यान देना चाहिए। केवल सरकार पर निर्भर रहना सही नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, “हमें हर महिला को मां के रूप में देखना होगा। आज के समय में रावण कौन है और कौरव कौन हैं, यह समझना आवश्यक है। भारत को विश्वगुरु बनना है, और इसके लिए मेहनत करनी होगी। रावण का पुतला जलाने से कुछ नहीं होगा।”
इस कार्यक्रम की शुरुआत जोशी और पैरालंपिक पदक विजेता मोना अग्रवाल ने शस्त्र पूजन के साथ की। कार्यक्रम के दौरान आरएसएस कार्यकर्ताओं ने शारीरिक व्यायाम का प्रदर्शन भी किया। पथ संचलन के दौरान