नवरात्रि, जो कि देवी दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है, चैत्र और आश्वयुज मास में दो बार मनाया जाता है। नवरात्रि का अर्थ होता है ‘नौ रात’, और इस समय देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
नवरात्रि का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत ऊँचा माना जाता है। यह त्योहार आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा के लिए होता है, जिनकी मान्यता है कि वह शक्ति की देवी हैं।
नवरात्रि के दौरान, लोग मां दुर्गा के पूजा अर्चना करते हैं और उनके नौ रूपों की पूजा करते हैं। यह नौ दिन के त्योहार के दौरान होता है, और लोग बहुत ध्यान से इसे मनाते हैं।
नवरात्रि का महत्व यह भी है कि यह ऋतु बदलाव के साथ मनाया जाता है, अर्थात शरद नवरात्रि अक्टूबर-नवंबर महीने में होता है, जब प्रकृति में खुशबू, फूल, और हरियाली फैल जाती है। यह त्योहार भारतीय समाज में आत्मशक्ति और साहस की स्यंदना करता है, और लोग इसे बड़े उत्साह से मनाते हैं।
नवरात्री त्यौहार से जुडी कुछ ख़ास बातें।
- नवरात्रि के नौ दिन: नवरात्रि का हर दिन एक अलग रूप या स्वरूप को समर्पित होता है। प्रतिदिन देवी दुर्गा के अलग-अलग रूप की पूजा होती है, जिनमें सबसे पहले तीज को ‘माँ शैलपुत्री’ के रूप में पूजा जाता है और अंत में नौवीं दिन को ‘माँ सिद्धिदात्री’ के रूप में पूजा जाता है।
- नवरात्रि की आरती: हर दिन की पूजा के बाद, भक्तों द्वारा देवी दुर्गा की आरती होती है। यह आरती उनकी महिमा का गुणगान करती है और उनके शक्ति को प्राप्त करने का प्रार्थना करती है।
- डांडिया रास और गरबा: नवरात्रि के दिनों में लोग डांडिया रास और गरबा नामक लोकनृत्य करते हैं। यह नृत्य गरबा गुजरात और डांडिया रास गुजरात और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में पॉपुलर है। लोग डांडिया और गरबा में साथ में नाचते हैं, जो एक प्रकार से देवी दुर्गा की महिमा का अभिनंदन है।
- उपवास और व्रत: बहुत से लोग नवरात्रि के दिनों में उपवास (फास्टिंग) करते हैं। कुछ लोग सिर्फ फल और फल का सेवन करते हैं, जबकि कुछ लोग एक-दिन के व्रत भी रखते हैं। यह व्रत भक्ति और शुद्धि का एक तरीका है।
- माँ दुर्गा की विसर्जन: नवरात्रि के अंतिम दिन, देवी दुर्गा की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है। इस दिन भक्तों ने देवी दुर्गा को समर्पित किया था, और अब उनकी विदाई का समय आता है। इस अवसर पर भक्तों में भावनाएं हाई होती हैं।
- माँ रानी का भोग: नवरात्रि के दिनों में भक्तों द्वारा देवी दुर्गा को अलग-अलग प्रकार के भोग (प्रसाद) चढ़ाए जाते हैं। इसमें खीर, हलवा, पूरी, चना, आलू और सारी मिठाइयाँ शामिल हो सकती हैं।
- नवरात्रि के माहात्म्य: नवरात्रि के दिनों में लोग देवी दुर्गा के महात्म्य के पठ और सुनवाई भी करते हैं। इसमें देवी दुर्गा की कथाएं होती हैं जो उनकी महान शक्ति और साहस को दर्शाता है।
नवरात्रि एक धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है जो भक्ति, शक्ति और समर्पण की भावना से भरा होता है। यह समय भक्ति और संस्कृति का महत्व समझने का भी एक अवसर है।