Ramadan 2024 : देशभर में रमजान (Ramadan) का पाक महीना 12 मार्च यानि मंगलवार से शुरू होने जा रहा है। इस्लाम धर्म में रमजान (Ramadan) के महीने को सबसे पाक महीना माना जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से यह नौवा महीना होता है जिसका काफी महत्व माना जाता है। इस्लाम धर्म में इस महीने को माह-ए-रमजान भी कहा जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग इस पूरे महीने के दौरान रोज़ा रखते हैं। इस महीने में रोजा रखना, रात में तरावीह की नमाज पढ़ना और कुरान तिलावत करना शामिल है। लेकिन क्या आप जानते हैं रमजान (Ramadan) के महीने का महत्व, कब रखा जाएगा पहला रोजा और क्या है इसके नियम, आइए जानते हैं इसके बारे में…
रमजान का महत्व
रमजान (Ramadan) का महीना 29 या 30 दिनों का होता है। इस्लाम धर्म के अनुसार, रमजान (Ramadan) के महीने के दौरान रोजा रखने से सभी दुआएं कुबूल होती हैं। माना जाता है कि इस महीने के दौरान की गई इबादत का फल बाकी महीनों के मुकाबले कई गुना ज्यादा मिलता है। मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान (Ramadan) के चांद के दिखने के बाद से ही सहरी खाकर इबादतों का सिलसिला शुरू कर देते हैं। सूरज निकलने से पहले खाए गए खाने को सहरी कहा जाता है और सूरज ढलने के बाद रोजा खोलने को इफ्तार कहा जाता है।
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पहला रोजा
माना जाता है कि रमजान (Ramadan) का यह पाक महीना चांद को देखकर निर्धारित किया जाता है। वहीं सबसे पहले सऊदी अरब (Saudi Arabia) में रमजान (Ramadan) का चांद दिखाई देता है। बता दें कि रमजान (Ramadan) का चांद 10 मार्च को सऊदी अरब में दिखाई दे चुका है, इसलिए वहां पहला रोजा 11 मार्च (सोमवार) को रखा गया। वहीं इसके अलावा भारत और पाकिस्तान में सऊदी अरब (Saudi Arabia) के चांद के एक दिन बाद रमजान (Ramadan) का चांद दिखाई देता है, इसलिए इन देशों में सऊदी अरब (Saudi Arabia) के एक दिन बाद से ही रमजान (Ramadan) के रोजे की शुरुआत होती है। ऐसे में रमजान (Ramadan) के महीने की शुरुआत भारत में इस साल 12 मार्च से होगी। इसलिए 12 मार्च को भारत में पहला रोज़ा रखा जाएगा।
रोजा रखने के नियम
- आंख, कान और जीभ का भी रोजा रखा जाता है। यानी कि इस दौरान न बुरा देखा जाता है, न बुरा सुना जाता है और न ही किसी को बुरा कहना होता है।
- साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि किसी की भावनाओं को आपके द्वारा बोली गई बातों से ठेस न पहुंचे।
- रमजान (Ramadan) के महीने में कुरान पढ़ने का बहुत महत्व माना जाता है।
- रमजान (Ramadan) में रात के वक्त एक विशेष नमाज भी पढ़ी जाती है, जिसे तरावीह कहते हैं।
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