भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत को मिली 0-3 की हार के बाद एक विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में कप्तान रोहित शर्मा, चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर, मुख्य कोच गौतम गंभीर और बीसीसीआई के सचिव जय शाह तथा अध्यक्ष रोजर बिन्नी भी शामिल हुए। यह बैठक छह घंटे तक चली और भारतीय टीम के प्रदर्शन के बारे में गहन चर्चा की गई। गौतम गंभीर ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए थे, जबकि अन्य सभी सदस्य बैठक में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित थे।
बैठक में सबसे पहले चर्चा का विषय मुंबई टेस्ट में ‘रैंक टर्नर’ पिच का चयन था। बीसीसीआई अधिकारियों ने सवाल उठाया कि आखिरकार भारत को पुणे जैसी पिचों पर हारने के बाद मुंबई में इस तरह की पिच का चयन क्यों किया गया। पिच को लेकर यह चिंता इसलिए जताई गई क्योंकि ऐसी पिचों पर भारत ने पहले भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। साथ ही, इस पिच को चुनने के फैसले पर टीम प्रबंधन को जवाबदेह ठहराया गया।
दूसरी बड़ी चर्चा का विषय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का तीसरे टेस्ट मैच में आराम देना था। इस फैसले पर भी सवाल उठाए गए, क्योंकि बुमराह भारतीय टीम के सबसे महत्वपूर्ण गेंदबाजों में से एक हैं। बीसीसीआई के अधिकारियों ने यह जानना चाहा कि बुमराह को आराम देने का निर्णय क्यों लिया गया, जबकि उन्हें टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि, यह भी कहा गया कि बुमराह को आराम देना एक एहतियाती कदम था, लेकिन इस पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
गौतम गंभीर की कोचिंग शैली पर भी बैठक में चर्चा की गई। गंभीर की कोचिंग शैली राहुल द्रविड़ से बहुत अलग मानी जाती है, और बैठक में यह सवाल उठाया गया कि टीम इसे कैसे अपना रही है। सूत्रों के अनुसार, कुछ लोग गंभीर की कोचिंग शैली से पूरी तरह संतुष्ट नहीं थे और उनका मानना था कि यह बदलाव भारतीय टीम के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यह भी बताया गया कि गंभीर के साथ कुछ टीम सदस्य एकमत नहीं थे, और उनके दृष्टिकोण में भिन्नताएं थीं।
बैठक में नितीश रेड्डी और हर्षित राणा के चयन पर भी चर्चा की गई, जो रणजी ट्रॉफी में केवल 10 मैच खेलने के बावजूद भारतीय टीम में शामिल किए गए थे। इन दोनों के चयन पर सर्वसम्मति नहीं बन पाई थी, और बैठक में यह पूछा गया कि क्या यह चयन टीम की जरूरतों के हिसाब से सही था।
बीसीसीआई ने इस बैठक के बाद यह तय किया कि सुधारात्मक उपायों पर काम किया जाएगा ताकि भारतीय टीम आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बेहतर प्रदर्शन कर सके। भारतीय टीम 10 और 11 नवंबर को दो टुकड़ियों में ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होगी, और बोर्ड ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि टीम वहां पर बेहतर प्रदर्शन करे।
इस समीक्षा बैठक के बाद, बीसीसीआई ने यह संकेत दिया है कि वह भारतीय टीम के प्रदर्शन में सुधार के लिए हर संभव कदम उठाएगा और आगामी सीरीज में किसी भी तरह की कमी को दूर करने के लिए टीम प्रबंधन से सुझाव मांगेगा।