नई दिल्ली में एक ऐतिहासिक क्षण ने शारीरिक शिक्षा और खेल जगत को गर्व और प्रेरणा से भर दिया, जब फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पेफी) के राष्ट्रीय सचिव डॉ. पीयूष जैन को प्रतिष्ठित “राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान भारत सरकार द्वारा उन व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता है, जिन्होंने खेलों को प्रोत्साहन देने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस गरिमामय समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. जैन को यह पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने पेफी के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन खेलों को बढ़ावा देने और शारीरिक शिक्षा के महत्व को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह पुरस्कार केवल डॉ. जैन का नहीं, बल्कि पूरे शारीरिक शिक्षा और खेल समुदाय का सम्मान है।
डॉ. जैन ने इस उपलब्धि को उन सभी शिक्षकों, छात्रों और समर्थकों को समर्पित किया, जिन्होंने खेलों और शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दिया है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह पुरस्कार उनके सहयोग और समर्पण का प्रमाण है, जो भारत को खेलों में वैश्विक पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने इस क्षण को भारतीय खेल जगत के लिए प्रेरणादायक बताते हुए सभी से आग्रह किया कि वे खेलों के माध्यम से देश को गौरवान्वित करने के लिए मिलकर काम करें।
पेफी के इस सम्मान ने शारीरिक शिक्षा और खेलों के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। यह पुरस्कार भारत को खेल महाशक्ति बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का प्रतीक है।
समारोह के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए डॉ. जैन ने इस क्षण को अपने जीवन का सबसे गौरवशाली पल बताया। उन्होंने खेलों के माध्यम से स्वस्थ और सशक्त समाज बनाने के अपने मिशन को दोहराया और कहा कि यह सम्मान उन्हें और उनके संगठन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करेगा। इस पुरस्कार के साथ, पेफी और उसके सभी सदस्य भारत में खेल और शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नए उत्साह और समर्पण के साथ कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।