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GPAI समिट में डेटा दान से BHASHINI तक की हुई चर्चा

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सर्बिया के बेलग्रेड में चल रहे ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI) समिट 2024 में, डीप टेक फॉर भारत फाउंडेशन (AI4India.org) के सह-संस्थापक और प्रसार भारती के पूर्व सीईओ, शशि शेखर वेंपती ने अपने पैनल के अन्य सदस्यों मिलान बोस्निक, लॉरेन्स लेव, और मार्को काडेज़ के साथ
उभरती अर्थव्यवस्थाओं में एआई की परिवर्तनकारी शक्ति पर अपने प्रेरणादायक विचार साझा किए।

“उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर एआई का प्रभाव” विषय पर पैनल चर्चा में भाग लेते हुए, वेंपती ने भारत की उस अनूठी स्थिति पर जोर दिया, जिससे यह एआई से तय होने वाले भविष्य में तेजी से उभरने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि यह ठीक वैसे ही है, जैसे भारत ने मोबाइल तकनीकों को तेजी से अपनाया। उन्होंने बताया कि भारत का विकसित हो रहा एआई इकोसिस्टम, जो पब्लिक GPU क्लाउड जैसे सरकारी पहल द्वारा सुदृढ़ किया जा रहा है, प्रौद्योगिकी तक पहुंच को लोकतांत्रिक बना रहा है और जमीनी नवाचार को बढ़ावा दे रहा है।

श्री वेंपती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल पब्लिक गुड्स के माध्यम से प्रौद्योगिकी को लोकतांत्रिक बनाने के दृष्टिकोण पर ध्यान आकर्षित किया, जो अब एआई अवसंरचना तक विस्तारित हो चुका है। उन्होंने भारत की स्वदेशी एआई क्षमताओं के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए, भाषा के अवरोधों को तोड़ने के लिए भाषा आधारित एआई टूल्स जैसे भाषिणी (BHASHINI) के महत्व पर चर्चा की, जिससे पहुँच और समावेशन बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि ये प्रयास कृषि, निर्माण और सार्वजनिक सेवाओं में परिवर्तनकारी अनुप्रयोगों के मार्ग को प्रशस्त कर रहे हैं, जो अंततः भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दे रहे हैं।

श्री वेंपती के संबोधन का एक केंद्रीय विषय डेटा दान (Data Daan) अभियान था, जो बड़े, सार्वजनिक रूप से सुलभ डेटा सेट (Data Set) बनाने के लिए एक अग्रणी प्रयास है। इस पहल के तहत व्यक्तियों, संस्थाओं और सार्वजनिक निकायों को अपने डेटा सेट (Data Set) साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाता है, ताकि एक ऐसा रिपॉजिटरी बनाया जा सके जो स्टार्टअप्स, शोधकर्ताओं और अकादमिक संस्थाओं को भारत के स्थानीय संदर्भ के अनुकूल एआई मॉडल बनाने में सक्षम बन सके।

श्री वेंपती ने कहा कि “डेटा दान (Data Daan) एक चुनौती को अवसर में बदलने से जुड़ा है। डेटा सेट
(Data Set) साझा करके, हम न केवल नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं बल्कि भारत को विविध और सूक्ष्म अनुप्रयोगों के लिए एआई समाधान बनाने में अग्रणी बनने में सक्षम बना रहे हैं।

अपने संबोधन में वेंपती ने उन अद्वितीय लाभों पर विचार व्यक्त किया जो भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के पास हैं—विरासत प्रणालियों की अनुपस्थिति, जो उन्हें उन्नत प्रौद्योगिकियों को लचीलेपन के साथ अपनाने की अनुमति देती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सही निवेश और डेटा दान (Data Daan) जैसी पहलों के साथ, भारत एआई नवाचार में वैश्विक नेता के रूप में अपनी स्थिति बना सकता है।

GPAI 2024 में, श्री वेंपती, जो कि पॉलिसी रिसर्च एंड गवर्नेंस सेंटर (CPRG) की सलाहकार बोर्ड के सदस्य भी हैं, ने CPRG का डेटा दान पहल में निरंतर योगदान और समर्थन की सराहना की, जो AI4India के सहयोग से चलाया जा रहा है।

वर्ष 2016 में स्थापित, CPRG एक स्वतंत्र दिल्ली स्थित थिंक टैंक है, जो लोगों-केंद्रित नीतिनिर्माण को आगे बढ़ाने और उभरती प्रौद्योगिकियों पर शोध के माध्यम से अर्थव्यवस्था, कार्यबल और शिक्षा में चुनौतियों से निपटने को समर्पित है।

CPRG निदेशक डॉ. रमनंद ने GPAI में AI4India और CPRG की संयुक्त भागीदारी के महत्व पर बल दिया, जिससे भारत की प्राथमिकताएँ और चुनौतियाँ इस तेजी से उभरते क्षेत्र में प्रस्तुत हो सकें। चर्चा में योगदान देते हुए, वीज़िटिंग फेलो चेतन अग्रवाल ने GPAI में ‘कृषि में एआई, हरित परिवर्तन और जलवायु’ पर अंतर्दृष्टि प्रस्तुत की, जो CPRG की नवाचार के माध्यम से सतत विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

AI4India के सह-संस्थापक, श्री आलोक अग्रवाल ने कहा कि GPAI 2024 में AI4India और CPRG के संयुक्त प्रयास “एक ब्लूप्रिंट” के रूप में उभरती अर्थव्यवस्थाओं को समान और सतत प्रगति के लिए एआई का उपयोग करने में मदद कर रहे हैं, जिसमें डेटा दान (Data Daan)
जैसी पहल में तेजी आई है।

GPAI समिट 2024, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जिम्मेदार और सतत उपयोग को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक वैश्विक मंच है, ने विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के भविष्य को आकार देने में एआई की भूमिका पर चर्चाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया। वेंपती के योगदान ने स्थानीय क्षमताओं के निर्माण, पहुंच के लोकतांत्रिकरण और भारत की विशिष्ट चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के महत्व पर प्रकाश डाला।

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