दूरसंचार विभाग ने मंगलवार को बताया कि वित्तीय धोखाधड़ी और सरकारी अधिकारियों का रूप धारण करके लोगों को धमकाने वाली विदेश से आने वाली ‘स्पूफ’ कॉल्स को पहचानने और ब्लॉक करने के लिए एक नई प्रणाली लागू कर दी है।
दूरसंचार विभाग के अनुसार, नई ‘अंतरराष्ट्रीय इनकमिंग स्पूफ कॉल निवारक प्रणाली’ ने शुरू होने के 24 घंटों में लगभग 1.35 करोड़ कॉल्स को स्पूफ कॉल के रूप में पहचानकर ब्लॉक किया है। इस प्रणाली के लागू होने से भारतीय दूरसंचार ग्राहकों को इन फर्जी कॉल्स में काफी कमी देखने को मिलेगी।
दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस प्रणाली का उद्घाटन किया।
बयान में कहा गया है कि साइबर अपराधी भारतीय मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल के जरिए धोखाधड़ी कर रहे हैं। ये कॉल्स देश के भीतर से की गई लगती हैं, लेकिन वास्तव में इन्हें विदेश से किया जाता है।
दूरसंचार विभाग ने बताया कि स्पूफ कॉल्स का इस्तेमाल वित्तीय धोखाधड़ी, सरकारी अधिकारियों का रूप धारण करने और दहशत फैलाने के लिए किया जा रहा है। धोखेबाज दूरसंचार विभाग और ट्राई के अधिकारियों के रूप में लोगों को धमका रहे हैं, मोबाइल नंबर काटने की बात कर रहे हैं, और अन्य प्रकार के फर्जी आरोप लगा रहे हैं।
विभाग ने कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर एक ऐसी प्रणाली बनाई गई है, जो इन नकली कॉल्स की पहचान कर सके और इन्हें भारतीय ग्राहकों तक पहुंचने से रोके। इस प्रणाली के शुरू होने के बाद 24 घंटे में भारतीय फोन नंबरों से आने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय कॉल्स में से लगभग 1.35 करोड़, यानी 90 प्रतिशत को नकली कॉल्स के रूप में पहचानकर रोक दिया गया है।
आजकल, धोखाधड़ी करने वाले लोग डिजिटल टूल और कृत्रिम मेधा (एआई) का दुरुपयोग कर रहे हैं, जिससे इन फर्जी कॉल्स को पकड़ना मुश्किल हो गया है।