आगरा पुलिस ने 110 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा किया है। इस ठगी को अंजाम देने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह को पकड़ा गया है, जिसमें पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने साझा की।
कैसे हुआ मामला उजागर?
आगरा के एक व्यक्ति ने 18 लाख रुपये की ठगी की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। उसने बताया कि उसे डिजिटल अरेस्ट और शेयर बाजार में निवेश के नाम पर धोखा दिया गया। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मामले की गहराई से जांच की और इस बड़े गिरोह तक पहुंचने में सफलता पाई।
कैसे काम करता था गिरोह?
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह काफी संगठित था और साइबर धोखाधड़ी के लिए विदेश में बैठे साइबर अपराधियों से प्रशिक्षण लेता था।
- आरोपी लोगों को डिजिटल अरेस्ट और शेयर बाजार में निवेश जैसे झूठे दावों से फंसाते थे।
- बैंक खातों का उपयोग ठगी के पैसे को हेर-फेर करने के लिए करते थे।
- 239 लोगों को इस गिरोह ने अपना शिकार बनाया और कुल मिलाकर करीब 110 करोड़ रुपये ठग लिए।
गिरफ्तारी और पुलिस की सफलता
सहायक पुलिस उपायुक्त (नगर) सूरज कुमार राय ने बताया कि गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह अत्यधिक शातिर तरीके से ठगी को अंजाम देता था और पीड़ितों का विश्वास जीतकर उनका पैसा हड़प लेता था।
आगे की कार्रवाई
पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और इसके विदेशी कनेक्शन की जांच कर रही है। साथ ही, उन खातों और संपत्तियों की पहचान की जा रही है, जिनका इस्तेमाल ठगी के पैसे को जमा करने और छिपाने के लिए किया गया।
यह मामला साइबर अपराध के बढ़ते खतरे और डिजिटल धोखाधड़ी की सच्चाई को उजागर करता है। लोग ऑनलाइन लेन-देन करते समय सतर्क रहें और अनजाने निवेश प्रस्तावों से बचें।