मथुरा। डर जाने के लिए नाम ही काफी हैं। मगर डॉक्टर शालिनी अग्रवाल के लिए जैसे यह जानलेवा बीमारी भी खेल बन गई है, वे 8 साल से इस बीमारी से पीड़ित है, चार साल से इलाज बंद है सकारात्मक सोच को संबल बना मैं बीमारी से संघर्षरत है, खुश आश्वस्त है और दूसरे मरीजों को भी जागरूक कर रही है। डॉक्टर भी उनकी हिम्मत देख हैरान है।
शहर के महोली रोड निवासी डॉक्टर शालिनी अग्रवाल 43 वर्ष उम्र की बताती हैं। कि वर्ष 2014 में मथुरा के एक स्थानीय अस्पताल में उन्होंने बेटे को जन्म दिया। तब उनके ब्रेस्ट में गांठ हुई स्थानीय शिक्षकों ने इसे दूध की गांठ बताते हुऐ कुछ दिन बाद उन्होंने अकेले दिल्ली के एम्स में जाकर इसकी जांच कराई, तब ब्रेस्ट कैंसर की जानकारी हुई।
सकारात्मक रखना शुरू किया नियमित व्यायाम
वर्ष 2018 में एम्स के चिकित्सकों ने उनका इलाज ये कहकर बंद कर दिया कि वह एडवांस स्टेज पर है, वे दो बार कैंसर से जंग लड़ चुकी हैं,अब सारी दवा फेल हैं इस स्थिति में पहुंचने के बाद शालिनी अग्रवाल बताती है कि उन्होंने अपने जीवन शैली बदली खुद को सकारात्मक रखना शुरू किया नियमित व्यायाम किए। सबसे बड़ा हथियार उन्होंने सकारात्मक सोच को बनाया उनके द्वारा कैंसर से लड़ी गई लड़ाई के उन पलों को याद कर आज भी भावुक हो जाती हैं, कैंसर से लड़ी जंग आज दूसरी अन्य महिलाओं को जीने की नहीं राह दिखा रही है।
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वृंदावन में कैंसर की है ब्रांड एंबेसडर
आयरन लेडी के नाम से विख्यात डॉक्टर शालिनी अग्रवाल इंडियन कैंसर सोसायटी दिल्ली से मथुरा वृंदावन में कैंसर की ब्रांड एंबेसडर है। वे अब तक 45 – 50 कार्यशालाओं में कैंसर पीड़ितों को जागरुक कर चुकी हैं।इसके अलावा वे मेदांता, एम्स, सर गंगाराम जैसे अस्पतालों में आनलाइन आफलाइन मेडिकल काउंसलर के रूप में सेवाएं देती हैं,कैंसर पीड़ितों के लिए आर्थिक मदद जुटाने के लिए उद्देश्य से उन्होंने दिल्ली में 7-8 बार फैशन शो भी आयोजित कर चुकी हैं।
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