उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में शुक्रवार देर शाम महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में आग लग गई। इस हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। जिले के वरिष्ठ अधिकारियों और दमकल कर्मियों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया।
झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने हादसे में 10 बच्चों की मौत की पुष्टि की है। मेडिकल कॉलेज की एसएनसीयू यूनिट में अचानक आग लगने से गलियारे में घना धुआं भर गया। इस आग की वजह से यूनिट में भर्ती कई बच्चों की जान चली गई। दमकल विभाग और मेडिकल स्टाफ ने आग पर काबू पाने और बचाव कार्य में तेजी दिखाई, लेकिन तब तक यह भयावह हादसा हो चुका था।
कैसे हुआ हादसा?
एसएनसीयू यूनिट में आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए एक जांच समिति गठित की गई है। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी हो सकती है। हालांकि, इसका सही कारण जांच रिपोर्ट के बाद ही सामने आ सकेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए तुरंत राहत और बचाव कार्य करने का निर्देश दिया। झांसी पुलिस और दमकल कर्मियों ने मिलकर राहत कार्य को अंजाम दिया। मौके पर दमकल कर्मियों ने कई कांच की खिड़कियां तोड़ीं, ताकि अंदर फंसे लोगों को निकाला जा सके। मरीजों और उनके तीमारदारों में घबराहट का माहौल था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे को गंभीरता से लेते हुए झांसी के मंडलायुक्त और उप महानिरीक्षक (डीआईजी) को 12 घंटे में घटना की रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य भी झांसी के लिए रवाना हो गए। इस दर्दनाक हादसे में 10 नवजात बच्चों की मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। मृतकों के परिवारों में मातम का माहौल है। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
जांच के निर्देश
इस घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि हादसे के कारणों का पता लगाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मेडिकल कॉलेज और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षा मानकों की समीक्षा की जाएगी।