लखनऊ। युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए योगी सरकार ने व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास के तहत कई प्राविधान किए हैं। इसके तहत व्यावसायिक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों हेतु व्यावहारिक या वोकेशनल ओरिएंटेशन कार्यक्रम तथा माध्यमिक स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा योजना के सुदृढ़ीकरण के लिए विद्यालयों को हब एवं स्पोक्स मॉडल के रूप में विकसित करते हुए ओडीओपी के अनुरूप पाठ्यक्रम संचालित किए जाने की योजना है। इसके तहत, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से 12वीं उत्तीर्ण करने पर यूपी बोर्ड के प्रमाण-पत्र के साथ-साथ कंप्यूटर शिक्षा में प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाने पर बल दिया जाएगा।
वर्तमान में माध्यमिक स्तर के 804 राजकीय एवं 729 सहायता प्राप्त विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा तथा कौशल विकास मिशन के माध्यम से प्रवीण योजना के तहत 301 राजकीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था है। उच्च शिक्षा संस्थानों में भी कौशल आधारित पाठ्यक्रम के लिए 113 महाविद्यालयों का चयन किया गया है।
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150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में बनेंगी आधुनिक लैब
विद्यार्थियों के कौशल प्रशिक्षण के क्रेडिट उनके क्रेडिट बैंक में सम्मिलित किए जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को रोजगार के साथ-साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होगा। टाटा टेक्नोलोजीज लि. की सहभागिता से 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा का निर्माण अंतिम चरण में है।
अवशेष 69 संस्थान जहां कम से कम 5000 वर्ग फीट की भूमि उपलब्ध है का उन्नयन कराया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए 818.75 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। अप्रेंटिसशिप के माध्यम से युवाओं को उद्योगों में भत्ते के साथ प्रशिक्षण प्रदान किए जाने के क्रम में मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 70 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
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