एक 11 साल के बच्चे ने mensa society के आईक्यू टेस्ट में करीब 162 अंक हासिल किए है , जो की अलबर्ट आइंस्टीन एवं स्टीफेन हॉकिंग जैसे महान वैज्ञानिकों के स्कोर से भी 2 अंक ज़्यादा है।
सबसे बुद्धिमान बच्चा
हम बहुत सारे लोगों के आस पास रहते है। जिनमें से बहुत से लोग काफी जीनियस और क्रिएटिव माने जाते है तो कई थोड़े कम होते है। किसी भी इंसान के मानसिक स्तर के बारे में जानने के लिए उनका आईक्यू टेस्ट किया जाता है। यह टेस्ट psychological लोग तैयार करते है। यह टेस्ट दिखाता है कि वह व्यक्ति कितना ज़्यादा जीनियस है। अल्बर्ट आइंस्टीन एवं स्टीफेन हॉकिंग जैसे कई महान वैज्ञानिकों के पास काफी उच्च स्तर का IQ था। यह बात सुनने में थोड़ा अटपटा महसूस होगा कि IQ के मामले में इतनी छोटी से उम्र का लड़का जो सिर्फ 11 साल का है उसने इन महान वैज्ञानिकों को काफी पीछे छोड़ कर दिया है , हालांकि यह बात एकदम सही है। तो चलिए जानते है कौन है यह बच्चा और इसने कैसे इतने महान वैज्ञानिकों को पीछे छोड़ दिया।
दुनिया के सबसे तेज़ दिमाग वाले लोगों में किया अपना नाम शामिल
मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक , एक 11 साल के बच्चे ने बहुत ही महान काम किया है। हालांकि इस बुद्धिमान बच्चे का नाम एड्रियन ली बताया गया है। एड्रियन ने अपनी जगह दुनिया में उन दो % लोगों में बनाई है , जिनको सबसे ज़्यादा इंटेलीजेंट माना गया है। यह बच्चा हॉन्ग कॉन्ग में रहता है और बच्चे के माता – पिता का
यह कहना है कि वे छोटी सी उम्र में ही दूसरों से अलग और खास दिखता था।
हासिल किए IQ टेस्ट में 162 अंक
एड्रियन ली (Adrian Li) ने Mensa Society के IQ टेस्ट में 162 अंक पाए है। जो की अलबर्ट आइंस्टीन एवं स्टीफेन हॉकिंग जैसे बुद्धिमान वैज्ञानिकों के स्कोर से भी 2 अंक ज़्यादा है। यह बच्चा अब Mensa Society का मेंबर बन गया है , जो की दुनिया के सबसे ज़्यादा बुद्धिमान लोगों का ग्रुप है। एड्रियन की माता रेचल के हिसाब से वह दो साल की उम्र से ही बड़े बड़े शब्दों को समझने लगा था और उसकी पढ़ने में भी काफी रुचि थी। 8 साल की उम्र से ही उसने एक नॉवेल लिखने में रुचि ली थी , जिसका नाम ‘Monster Quest’ था।
cardiologist बनने में है बच्चे की रुचि
एड्रियन को चैस , Squash , स्कीइंग ,फेंसिंग , टेबल टेनिस , एवं Taekwondo जैसे खेलों में रुचि थी। Mensa Society के IQ टेस्ट में एड्रियन ने 162 अंक प्राप्त करके इतिहास में अपना नाम लिख दिया है। एड्रियन ने बताया कि उसके हिसाब से वह 148 अंक तक ही स्कोर कर सकता था लेकिन उसे यह बिलकुल उम्मीद नहीं थी कि वह 162 अंक हासिल कर लेगा । वे बड़े होकर cardiologist बनना चाहता है और उसके माता – पिता को भी उस पर काफी गर्व है और वह चाहते है कि उनका बच्चा अपनी इस अनोखी कला का इस्तेमाल समाज की भलाई के काम के लिए करे।