पाकिस्तान के पूर्व वजीर-ए-आजम और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को 10-10 साल की सजा सुनाई गई है। दरअसल ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गठित एक विशेष अदालत ने दोनों को गोपनीय जानकारी लीक करने का दोषी पाया था। 71 साल के इमरान खान और 67 साल के शाह महमूद कुरेशी रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं।
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क्या है Cipher केस?
इमरान खान को एक जनसभा के दौरान गोपनीय (Top Secret) कूटनीतिक दस्तावेज़ को सार्वजनिक करने का दोषी पाया गया था। ऐसा उन्होंने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए किया था। जिस दस्तावेज़ को सार्वजनिक किया गया वह अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजा गया था। इमरान ने कहा था कि वॉशिंगटन स्थित पाकिस्तान दूतावास ने उन्हें एक केबल (गुप्त सूचना) भेजी थी। इमरान खान ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए एक विवादित राजनयिक बातचीत को सार्वजनिक कर दिया था।
सरकार गिराने की साजिश का आरोप
इमरान खान ने गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक करते हुए अमेरिका के इशारे पर अपने खिलाफ साजिश का शक जताया था। इस घटना के कुछ ही समय बाद अप्रैल 2022 में इमरान खान की सरकार अविश्वास मत के जरिए सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। सत्ता से बाहर होने के बाद से इमरान खान पर 150 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं।
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