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जेएन-1 की दस्तक : कहीं चुनावों को न हो जाये कोविड

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भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 752 नए मरीज मिले हैं और 4 लोगों की मौत हो गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार शनिवार को कोविड के सक्रिय मामलों की संख्या 3,420 पर पहुंच गई है. वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं बल्कि लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। लेकिन आशंका जताई जा रही है की जेएन-1 आगामी लोकसभा चुनावों को भी प्रभावित कर सकता है। यानि यदि जेएन-1की रफ्तार न थमी तो लोकसभा चुनाव टाले भी जा सकते हैं।
आपको याद होगा कि इससे पहले कोविड साल 2020 और 2021 में कितना कोहराम मचा चुका है। दुनिया और देश से कोविड विदा जरूर हो गया था लेकिन उसने दुनिया को ‘ अल-विदा ‘ नहीं कहा था । कोविड रूप बदल-बदलकर दोबारा लौटने की कोशिश करता रहता है लेकिन मनुष्य की प्रबल इच्छाशक्ति उसे अब तक रोके हुए है । दुनिया ने कोरोना मीटर को बंद नहीं किया है । आज भी कोरोना यानि कोविड नापने की घड़ी मंथर गति से चल रही है। ये बात अलग है कि अब हम सब इस घड़ी को देखना भूल गए है। जेएन-1 की दस्तक सुनकर मैंने आधी रात को उठकर कोविड घड़ी पर नजर डाली तो देखा की वो टिक-टिक कर चल रही है । इस घड़ी के मुताबिक 23 दिसंबर 2023 की आधी रात तक दुनिया में कोविड के 700,261,068 मामले दर्ज किये जा चुके थे ।
आपको बता दें कि कोविड 2020 से अब तक दुनिया में 6,960,038 लोगों की जान ले चुका है और अब भी उसकी भूख मिटी नहीं है । कोविड से लड़ाई में पूरी दुनिया ने सामूहिक रूप से कोशिशें की,वैक्सीन बनाई और कोविड वायरस को हारने में कामयाबी हासिल की नतीजा ये हुआ कि दुनिया ने 671,449,622 लोगों को कोविड के मुंह में जाने से रोक लिया ,यानि उनकी जान बचा ली। लेकिन कहते हैं कि मौत एक बारे घर देख ले तो बार-बार लौटकर दस्तक देती है । कभी उसे कामयाबी मिलती है और कभी नहीं।
दुनिया ने 29 जनवरी 2020 को कोविड मीटर शुरू किया था और रोजाना पूरी दुनिया में दर्ज होने वाले कोविड मरीजों ,मौतों और कोविड से बचाये गए लोगों की गणना करना शुरू की थी । कुछ समय के लिए ये कोविड मित्र बंद कर दिया गया था लेकिन अब इसे दोबारा शुरू कर दिया गया है। ताजा सूचनाओं के मुताबिक अभी अमेरिका में 08,और जर्मनी में 138 तथा भारत में 04 लोगों की मौत की सूचनाएँ दर्ज की गयीं है। अमेरिका में 6493 और जर्मनी में 4342 नए मामले दर्ज किये गए। भारत में अभी कुल 752 नए मामले प्रकाश में आये हैं लेकिन सक्रिय मरीजों की संख्या 3 हजार को पार कर गयी है।
दुनिया के साथ -साथ अब भारत में भी कोरोना का नया अपडेट तैयार किया जाने लगा है । नए अपडेट के अनुसार अपडेट किए गए मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 17 राज्यों में कोविड-19 के एक्टिव मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है, जिसमें केरल (266), कर्नाटक (70), महाराष्ट्र (15), तमिलनाडु (13) और गुजरात (12) शामिल हैं।भारत में 640 ताज़ा कोविड-19 संक्रमण और एक मौत दर्ज की गई. पिछले दिन एक्टिव केस 2,669 से बढ़कर 2,997 हो गए और शनिवार को यह आंकड़ा 3,420 हो गया। कोरोना के नए सब वैरिएंट ने दुनिया भर के 40 से अधिक देशों में दस्तक दे दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो पिछले चार हफ्तों के दौरान विश्व में नए मामलों की संख्या में 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस अवधि के दौरान 850,000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पिछले 28 दिनों की अवधि की तुलना में नई मौतों की संख्या में 8 प्रतिशत की कमी आई है, 3,000 से अधिक नई मौतें दर्ज की गई हैं।
कोविड के नए वेरिएंट की दस्तक उस समय सुनाई दे रही है जब भारत में आम चुनाव की तैयारियां शुऊ हो चुकी है। भारत में 18 वीं लोकसभा के लिए अप्रैल 2024 तक चुनाव कराये जाने है। ये चुनाव देशकाल ,परिस्थितियों को देखते हुए आगे-पीछे भी कराये जा सकते हैं।सत्तारूढ़ दल इस समय अपनी लोकप्रियता के चलते लोकसभा के चुनाव समय पूर्व करने के फेर में है। यानि चुनाव फरवरी में ही कराये जा सकते है। इसी हिसाब से केंद्रीय चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है ,लेकिन यदि कोविड के नए वेरिएंट ने उत्पात मचाया तो इन चुनावों को आगे भी बढ़ाया जा सकता है ,लेकिन ये एक काल्पनिक स्स्थिति है। भारत में लोकसभा के समयपूर्व चुनाव करने का लंबा इतिहास है। कभी लोकसभा पूरे पांच साल चली तो कभी केवल सोलह महीने भी। ग्यारहवीं लोकसभा तो केवल डेढ़ साल ही चल पाई थी । यानि इस देश में 40 महीने में लोकसभा के चुनाव तीन बार भी हो चुके हैं ।
अभी तो इसी बात की सम्भावना है की सरकार कोविद के नए वेरिएंट के प्रबल होने से पहले ही लोकसभा के चुनाव करा ले,लेकिन 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मानाने के बाद ही मौजूदा सरकार लोकसभा चुनाव करना चाहती है। लोकसभा चुनावों को टालने का अभी सरकार का कोई मन नहीं है लेकिन विषम परिस्थितियों में कब ,क्या हो जाये कोई नहीं जानता। हम सबको प्रार्थना करना चाहिए कि लोकसभा चुनावों पार कोविद का बुरा साया न पड़े । इसके लिए आवश्यक है कि सरकार के साथ हम सब भी जेएन-1 की रोकथाम के लिए अभी से सतर्कता बरतना शुरू कर दें ताकि हमें फिर एक बार मुसीबतों का सामना न करना पड़े।
राकेश अचल….

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