मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Muizzu) के तेवर अब भारत के प्रति नरम पड़ते दिख रहे हैं। भारत की ओर से बजट में कटौती और चेतावनी मिलने के बाद, मुइज्जू ने हाल ही में पांच दिवसीय दौरे पर भारत का रुख किया। इस दौरे के दौरान, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मालदीव आने का निमंत्रण दिया, जिसे मोदी ने स्वीकार कर लिया।
भारत-मालदीव द्विपक्षीय संबंध
हैदराबाद हाउस में हुई मुलाकात में, पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू (Muizzu) के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर गहन चर्चा हुई। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि बातचीत का मुख्य फोकस आर्थिक, व्यापारिक और विकास साझेदारी पर रहा। इसके अलावा, मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर चर्चा शुरू करने पर भी सहमति बनी।
दृष्टिकोण पत्र और सहयोग की नई संभावनाएं
प्रधानमंत्री मोदी और मुइज्जू (Muizzu) ने आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए एक दृष्टिकोण पत्र जारी किया, जो सहयोग के विभिन्न पहलुओं को शामिल करता है। इस पत्र के माध्यम से, दोनों देशों के बीच रिश्तों की नई दिशा तय की गई है।
दोनों नेताओं ने मालदीव में ‘ट्रांसशिपमेंट’ सुविधाओं और बंकरिंग सेवाओं के विकास पर भी चर्चा की, साथ ही हनीमाधू और गान एयरपोर्ट की क्षमता का पूर्ण उपयोग करने के लिए संयुक्त प्रयास करने पर सहमति जताई।
भारतीय पर्यटकों के लिए मालदीव का आकर्षण
राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारतीय पर्यटकों को मालदीव आने के लिए आमंत्रित किया, यह कहते हुए कि भारतीय लोग मालदीव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा, “मालदीव में भारतीयों का स्वागत करने के लिए हम तत्पर हैं, जिससे हमारे बीच साझे विकास और समझ को बढ़ावा मिलेगा।”
चीन समर्थक तेवरों से दूरी
पिछले साल मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद, उन्होंने भारत विरोधी कई कदम उठाए थे, जिससे दोनों देशों के रिश्ते खराब हुए थे। भारतीय सेना की वापसी की मांग और पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर विवादास्पद टिप्पणियों के चलते दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया था। हालांकि, अब मुइज्जू इन संबंधों को सुधारने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहे हैं।
यह बदलाव भारत और मालदीव के बीच नए दौर की शुरुआत को दर्शाता है, जिसमें दोनों देशों के बीच सहयोग और आपसी समझ को बढ़ावा देने की उम्मीद है।