प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बुधवार (23 अक्टूबर) को रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान एक द्विपक्षीय बैठक करेंगे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को इस बैठक की पुष्टि की। यह बैठक दोनों नेताओं के बीच सीमा विवाद के बाद पहली होगी। मिस्री ने ANI से कहा, “मैं यह कह सकता हूं कि कल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बातचीत होगी।”
यह बैठक पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध उत्पन्न होने के बाद होने वाली है। हाल ही में, दोनों देशों ने LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर एक आम सहमति बनाई है, जिसे दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध को समाप्त करने में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। 2019 के बाद, यह पहली बार है जब दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी बातचीत की। इस दौरान मोदी ने पुतिन से कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए और भारत इस दिशा में हर संभव सहयोग के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “हम क्षेत्र में शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली का पूर्ण समर्थन करते हैं।”
मोदी ने यह भी कहा कि पिछले तीन महीनों में यह उनकी रूस यात्रा का दूसरा अवसर है, जो दोनों देशों के बीच “घनिष्ठ” तालमेल और गहरे विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने यह भी बताया कि वे रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के मुद्दे पर लगातार संपर्क में हैं और समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए।
इसके बाद, पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से भी मुलाकात की। यह दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात थी, क्योंकि पेजेशकियन जुलाई में चुनाव जीतने के बाद राष्ट्रपति बने थे। इस दौरान उन्होंने चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस वार्ता में बताया कि मोदी और पेजेशकियन के बीच सार्थक चर्चा हुई।