यमन के हूती विद्रोहियों (West Asia tensions: )ने सोमवार को लाल सागर में पनामा के झंडे वाले तेल टैंकर और सऊदी अरब के झंडे वाले एक और टैंकर पर हमले किए। इन हमलों से हजार अरब अमेरिकी डॉलर के सामान की आपूर्ति बाधित हुई है, जो इजराइल-हमास युद्ध के मद्देनजर हर साल गाजा पट्टी में भेजा जाता है। सूडान और यमन में भी सहायता सामग्री की आपूर्ति प्रभावित हुई है।
West Asia tensions: कुछ दिन पहले सोनियन तेल पर हमला कर चुके हैं हूति
इससे पहले, हूती विद्रोहियों ने ‘सोनियन’ तेल टैंकर पर हमला किया था, जिसमें 10 लाख बैरल कच्चा तेल था। टैंकर में विस्फोटों के कारण लाल सागर में तेल रिसाव का खतरा उत्पन्न हो गया है। अमेरिकी नौसेना की देखरेख में संचालित संयुक्त समुद्री सूचना केंद्र ने बताया कि हूती विद्रोहियों ने ‘ब्लू लगून आई’ टैंकर पर दो बैलिस्टिक मिसाइल दागीं, जिससे पोत को मामूली क्षति हुई और चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं। हूती सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।
हूति समूह ने नहीं ली है हमले की जिम्मेदारी
‘ब्लू लगून आई’ बाल्टिक सागर से आ रहा था और इसमें रूसी माल लदा हुआ था। हाल के महीनों में इसने भारत की यात्राएं भी की थीं। भारत अपने तेल आयात का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा रूस से प्राप्त करता है। सोमवार सुबह ब्रिटिश सेना के यूनाइटेड किंगडम समुद्री व्यापार संचालन केंद्र ने हूती-नियंत्रित होदेदा के पास दूसरे हमले की सूचना दी। एक ड्रोन ने वाणिज्यिक पोत पर हमला किया, जिसमें किसी नुकसान की खबर नहीं है। निजी सुरक्षा कंपनी ‘एम्ब्रे’ ने कहा कि यह हमला ‘ब्लू लगून आई’ पर हुए हमले के स्थल से कुछ किलोमीटर की दूरी पर हुआ। अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने दूसरे पोत की पहचान सऊदी ध्वज वाले तेल टैंकर ‘अमजद’ के रूप में की, जिसमें 20 लाख बैरल तेल था। उसने बताया कि अमेरिकी सेना ने सोमवार को दो हूती मिसाइल प्रणालियों को भी नष्ट कर दिया। हूती समूह ने अभी ‘अमजद’ पर हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।