भारत की राजधानी नई दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया के कई राष्ट्रीय अध्यक्ष पहुंच रहे हैं और इससे ठीक पहले देश के प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर जाएंगे।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान भारत शिखर सम्मेलन और 18 पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 और 7 सितंबर 2023 को इंडोनेशिया के दौरे पर जाएंगे। भारत में जी 20 शिखर सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है, उससे पहले प्रधानमंत्री का इंडोनेशिया दौरा काफी अहम माना जा रहा है। आसियान से भारत के रिश्ते कितने मजबूत है और भारत आसियान को क्यों तवज्जो दे रहा है ये समझा जा सकता है।
आसियान यानी कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संघ जो दस देश का एक महत्वपूर्ण संघ है। इसका गठन 8 अगस्त 1967 को किया गया था इससे पहले 31 जुलाई साल 1961 में एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशिया बना था,जिसके सदस्य देश थाईलैंड, फिलिपींस और मालया फेडरेशन थे जब 1967 में इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और फिलिपींस के विदेश मंत्रियों ने आसियान घोषणा पर हस्ताक्षर किए तभी संगठन का नाम आसियान पड़ा।
आसियान का मुख्य उद्देश्य शांति, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास करना, एक दूसरे के हितों का ध्यान रखना था अब जब आसियान की उम्र लगभग 56 साल हो गई है और सदस्य देशों की संख्या बढ़कर दस हो गई है तो आसियान के साथ एक-एक करके जो पांच नए देश जुड़े हैं उनमें ब्रुनेई, वियतनाम, म्यांमार, लाओस और कंबोडिया देश शामिल है। अब इस संगठन में चीन और अमेरिका भी शामिल है। भारत के लिए भी यह देश महत्व रखते हैं क्योंकि भारत इसका सदस्य ना होते हुए भी आसियान भारत शिखर सम्मेलन आयोजित करता रहा है आसियान का सचिवालय इंडोनेशिया के जकार्ता शहर में है
आसियान और सभी सदस्य देश भारत के एक्ट ईस्ट नीति के मजबूत केंद्रीय स्तंभ है, भारत का इन देशों के साथ बातचीत का संबंध साल 1992 में शुरू हुआ जो मौजूदा वक्त में बहुत मजबूत हो गया है पिछले महीने आसियान भारत के वित्त मंत्रियों की बैठक भी हुई थी इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आसियान भारत माल व्यापार समझौते की समीक्षा करना था तभी तो पीएम मोदी का इंडोनेशिया दौरा इन तथ्यों को और मजबूत करता है कि यह देश भारत के लिए बहुत अहम स्थान रखते हैं।
भारत में आयोजित होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन से पहले पीएम मोदी का इंडोनेशिया दौरा यह दिखाता है कि भारत के लिए आसियान का हर सदस्य अलग-अलग कारण से महत्वपूर्ण है सिंगापुर भारत आसियान के भी बीच महत्वपूर्ण कड़ी है और भारत का मुख्य रूप से आर्थिक और सामरिक भागीदार भी है भारतीय कंपनियां बड़ी संख्या में वहां कारोबार भी कर रही है और थाईलैंड एक ऐसा देश है जिसने भारत में निवेश किया हुआ है दोनों ही देशों के बीच व्यापार लगातार बढ़ रहा है तो वहीं वियतनाम से भारत की रक्षा क्षेत्र से लेकर व्यापार तक में भागीदारी है। विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में भी दोनों देश एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री का इंडोनेशिया दौरा–
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