भारतीय संसद में भारत का नाम बदलकर भारत करने की मांग तेज हो गई है। इस मांग का समर्थन करने वाले लोगों का तर्क है कि भारत का नाम भारत ही होना चाहिए क्योंकि यह देश का प्राचीन नाम है और इसे भारत के लोगों द्वारा सदियों से इस्तेमाल किया जाता रहा है। वे यह भी कहते हैं कि भारत का नाम इंडिया एक ब्रिटिश उपनिवेशवादी नाम है और इसे हटा दिया जाना चाहिए।
भारत का नाम बदलने की मांग को लेकर एक विधेयक संसद में पेश किया जा सकता है। इस विधेयक को पेश करने की संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के विशेष सत्र में एक प्रस्ताव पेश करेंगे।
भारत का नाम बदलने के पीछे के कुछ कारणों में शामिल हैं:
- भारत का नाम भारत ही होना चाहिए क्योंकि यह देश का प्राचीन नाम है और इसे भारत के लोगों द्वारा सदियों से इस्तेमाल किया जाता रहा है।
- भारत का नाम इंडिया एक ब्रिटिश उपनिवेशवादी नाम है और इसे हटा दिया जाना चाहिए।
- भारत का नाम बदलने से देश को एकजुट करने और लोगों में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
- यह भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने में भी मदद करेगा।
हालांकि, भारत का नाम बदलने के कुछ संभावित विरोध भी हैं। इनमें शामिल हैं:
- यह एक महंगा और अनावश्यक कदम होगा।
- यह देश में अनावश्यक विभाजन और विवाद पैदा कर सकता है।
- यह भारत की अंतरराष्ट्रीय पहचान को नुकसान पहुंचा सकता है।
भारत का नाम बदलने का निर्णय एक जटिल और महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस पर सभी पक्षों की बात सुनने के बाद ही इस पर फैसला किया जाना चाहिए।
अगर भारत का नाम बदलकर भारत कर दिया जाता है, तो यह एक ऐतिहासिक घटना होगी। यह भारत के लोगों के लिए एक गर्व का क्षण होगा और यह देश को एक नई दिशा देगा।