राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट भी दो नवंबर को जारी कर दी इस लिस्ट को कई वजह से खास माना जा रहा है क्योंकि इस लिस्ट में 58 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम थे पार्टी ने ज्यादातर सीटों पर मौजूदा विधायकों को ही टिकट दिया भारतीय जनता पार्टी यहां 200 सीटों में से 186 सीट पर उम्मीदवार उतार चुकी है।
तो दूसरी तरफ यह लिस्ट वसुंधरा राजे के लिए अच्छा संदेश दे रही है,जिन उम्मीदवारों का नाम घोषित हुआ है उनमें से कई पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं ऐसे में लगातार हाशिए पर आने वाली वसुंधरा राजे को इस बार पार्टी ने तव्वजो दी है लेकिन इस बार भी बीजेपी ने इस बार के विधानसभा चुनाव में राज्य की स्थिति को स्पष्ट नहीं किया है।
मुख्यमंत्री बनने पर संशय है बरकरार
फिलहाल तो बीजेपी ने वसुंधरा राजे को फिर से प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने को लेकर कोई घोषणा नहीं की है हालांकि दूसरी और तीसरी लिस्ट में उनके खास लोगों को टिकट देकर पार्टी पार्टी ने उनकी कुछ उम्मीदें तो जरूर बढ़ा दी है।
कुछ खास लोगों को नहीं मिला टिकट
अब तक बीजेपी की लिस्ट में वसुंधरा राजे के कहीं खास नेताओं को टिकट नहीं दिया गया उनके काफी खास माने जाने वाले यूनुस खान और अशोक प्रनामी को टिकट नहीं मिला है। तीसरी लिस्ट की बात करें तो इस राउंड में भी नागौर के डीडवाना से टिकट मिलने की उम्मीद कर रहे यूनुस खान को निराशा हाथ लगी है,ऐसे में बीजेपी का यह कदम दो बार की सीएम रही वसुंधरा राजे के प्रति पार्टी में कंफ्यूजन को बढ़ा रहा है। एक तरफ पार्टी लगातार उन्हें पद से हटाने और नए चेहरे को तलाशने के संकेत दे रही है तो वहीं दूसरी तरफ पहली लिस्ट आने के बाद पार्टी ने उनके प्रति रुख नरम कर लिया है और उनके करीबियों को टिकट भी दिए जा रहे हैं। पहली लिस्ट में वसुंधरा राजे के कई वफादारों के टिकट काट दिए गए,दूसरी सूची में उनके 27 विधायकों को टिकट मिला तो वहीं इस तीसरी लिस्ट में उनके कम से कम 22 वफादारों को जगह दे दी गई है।
अब बीजेपी आलाकमान की इस स्ट्रेटजी का मतलब क्या निकाला जाए ये फिलहाल तो कहना मुश्किल है।