हरियाणा में बेरोजगारी चरम पर है। इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा बेरोजगारी के मामले में अव्वल कहा जाता है। हालांकि प्रदेश सरकार इस बात से बराबर इनकार करती आई है। संभव है कि राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले में भले ही बेरोजगारी यहां पर कम हो, लेकिन यह भी सच है कि हरियाणा में बेरोजगारी एक समस्या तो है ही। इस समस्या से निपटने के लिए ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन किया था।
इस निगम के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित किया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 90 हजार कर्मचारियों को कई सरकारी विभागों में समायोजित कर दिया है। सरकार के ऐसा करने का कारण यह था कि ठेकेदार इन कर्मचारियों का शोषण बहुत करते हैं। विभिन्न विभागों में आउटसोर्स के माध्यम से कर्मचारियों को सप्लाई करने वाले ठेकेदार विभागों से तय रकम लेने के बाद मेहतन करने वाले कर्मचारियों को बहुत कम मानदेय देते हैं।
कभी वे कर्मचारियों से यह कहते हैं कि विभाग से इतनी ही तनख्वाह मिलती है, कभी वे कमीशन के नाम पर पैसा काट लेते हैं। गरीबी और बेरोजगारी का मारा हुआ व्यक्ति इन ठेकेदारों का शोषण सहन करने को मजबूर होता है। ठेकेदार इन कर्मचारियों को किसी भी तरह की सुविधाएं तक नहीं देते हैं। कच्चे कर्मचारियों को ईपीएफ या ईएसआई जैसी सुविधाएं बिल्कुल नहीं दी जाती है। यदि कोई कर्मचारी अपने शोषण के खिलाफ आवाज उठाता है, तो उसे निकाल दिया जाता है।
उसका बकाया मेहनताना भी नहीं दिया जाता है। कर्मचारियों के शोषण और भ्रष्टाचार की बातें पिछले काफी समय से सरकार तक पहुंच रही थी। इसके चलते सरकार ने ठेकेदारों के भ्रष्टाचार और शोषण पर रोक लगाने के लिए सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की नियमित भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से मेरिट आधार पर पूरा करके एक लाख दस हजार से अधिक युवाओं की भर्तियां की हैं।
लगभग 60 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया विभिन्न चरणों में चल रही हैं। प्रदेश सरकार का ठेका कर्मियों को ठेकेदारों से मुक्त कराने का प्रयास सराहनीय है। अब कच्चे कर्मियों को वे सभी सुविधाएं मिल सकेंगी, जिससे वे अभी तक ठेकेदारों की वजह से वंचित थे। इन कर्मचारियों को उनकी शैक्षिक योग्यता और अनुभव के आधार पर काम मिला है।
विभिन्न विभागों में पक्के किए गए कर्मचारी अब अपनी योग्यता के अनुसार काम करने में संतुष्टि का अनुभव कर रहे होंगे। इससे इन कर्मचारियों की कार्यक्षमता में भी इजाफा होना तय है। प्रदेश के बहुमुखी विकास के लिए जरूरी है कि युवाओं को समय पर रोजगार दिलाया जाए। इसके लिए सरकारी तंत्र में व्याप्त विसंगतियों को दूर करना बहुत जरूरी है। भ्रष्टाचार रहित तंत्र में ही विकास के फूल खिलते हैं।
-संजय मग्गू