देश रोज़ाना: पलवल के गांव कुशक में “यमुना बचाओ पदयात्रा” का ग्रामीणों के द्ववारा स्वागत किया गया और यात्रा में ग्रामीणों और स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया। जिसके चलते सभी लोगों को जल प्रदूषण के बारे में जगरुक किया।
दिल्ली बॉर्डर से शुरू हुई यमुना बचाओ पदयात्रा शुक्रवार को जिला के गांव कुशक पहुंची। ग्रामीण और स्कूली बच्चों ने यात्रा में भाग लिया और जगह-जगह पर यात्रा का स्वागत किया गया। यात्रा का मुख्य उद्देश्य यमुना के पानी को फिर से स्वच्छ बनाने के लिए लोगों को जागरूक करना है और सरकार तक आवाज पहुंचना है। यमुना से निकलने वाली गुड़गाँव कैनाल एवं आगरा कैनाल से लगभग दो लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती ।लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की फ़ैक्टरियों के रसायन युक्त ज़हरीले पानी से यमुना में प्रदूषित पानी आता है।
आज यमुना का पानी ज़हरीला हो गया है। जिससे तरह-तरह की बीमारियाँ फैल रही हैं। इसलिए यमुना नदी को बचाने के लिए यह यात्रा निकाली जा रही है।जल, जंगल, ज़मीन, जीव जन्तु, जीवन और जलवायु को बचाने के लिए सभी का सहयोग ज़रूरी है। क्योंकि जल-जंगल-ज़मीन- जीवन- जीव जन्तु का आपस में बहुत गहरा संबंध है। ये सभी जल चक्र के हिस्से हैं। विकास के नाम पर इन्सान ने अपने जल स्रोतों (नदी, नालों) को ख़राब कर दिया है। आज़ादी के अमृत काल में हम सबको मिलकर यमुना नदी की जलधारा को जन अभियान एवं जनभागीदारी से दोबारा से निर्मल एवं अविरल बनाने के लिए आगे आना चाहिए।