WTC 2023 के फाइनल में भारत की हालत खराब है। दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक भारत पहली पारी में 151 रन बनाकर जूझ रहा है। इंग्लैंड के ओवल ग्राउंड में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 469 रन बनाए हैं। भारत इस स्कोर से अभी 318 रन पीछे है। इस मुकाबले में अब तक भारतीय टीम गेंदबाजी और बल्लेबाजी, दोनों मोर्चे पर फेल साबित हुई है। पहले गेंदबाजों ने जमकर रन लुटाए और अब बल्लेबाजों के पांव पिच पर टिक ही नहीं पा रहे।
शीर्षक्रम की खुल गई पोल
इस मुकाबले में भारतीय बल्लेबाजी शीर्षक्रम की पोल भी खुल गई। चैंपियंस ट्रॉफी 2013 के बाद से आईसीसी नॉकआउट मैचों में शीर्षक्रम का खराब प्रदर्शन जारी है। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने शीर्षक्रम के बल्लेबाज चारो खाने चित्त हो गए। जिस पिच पर स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड ने शतकीय पारी खेली, उसी पर भारत के दिग्गज कहे जाने वाले बल्लेबाज फुस्स साबित हुए हैं।
सलामी बल्लेबाज जल्द ही लौटे पवेलियन
मैच के दूसरे दिन भारतीय टीम बड़े स्कोर का पीछा करने उतरी थी। सलामी बल्लेबाज के तौर पर शुभमन गिल और रोहित शर्मा उतरे। आईपीएल में रनों की बौछार करने वाले शुभमन गिल का बल्ला यहां नहीं चला। रोहित तो खैर पहले से ही फॉर्म में नहीं थे। दोनों बल्लेबाज सात ओवर के भीतर ही पवेलियन लौट गए। मध्यक्रम को संभालने की जिम्मेदारी विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा पर थी। पुजारा तो विदेशी पिच पर खेल का अनुभव लेकर यहां उतर रहे थे। हालांकि, दोनों बल्लेबाज कोई कमाल नहीं कर पाए। तकनीक के माहिर माने जाने वाले ये दोनों खिलाड़ी 20 ओवर का खेल समाप्त होने से पहले ही क्रिज से बाहर हो गए।
मध्यक्रम का भी नहीं चला बल्ला
शीर्षक्रम के ढहने से पहले मध्यक्रम के फेल होने पर बात करते हैं। चेतेश्वर पुजारा को टेस्ट का विशेषज्ञ माना जाता है। वह आईपीएल की थकान का हिस्सा भी नहीं थे। वह ससेक्स क्लब के लिए काउंटी क्रिकेट में खेल रहे थे। पुजारा इस दौरान शानदार फॉर्म में थे। उन्होंने दो महीने में ससेक्स के लिए तीन शतक लगाए थे। ऐसे में टीम प्रबंधन और प्रसंशकों को उम्मीद थी कि वह इंग्लैंड में लंबे समय से रहने के कारण वहां अच्छा प्रदर्शन करेंगे। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। कैमरून ग्रीन की एक गेंद उनके विकेट से जा लगी। पुजारा उसे छोड़ना चाह रहे थे, लेकिन गेंद स्विंग होकर विकेटों से जा लगी। पुजारा ने 25 गेंद पर 14 रन बनाए।
कोहली भी नहीं कर पाए कमाल
दूसरी तरफ, मध्यक्रम में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाने वाले विराट कोहली थे। उन्हें जिम्मेदार और तकनीकी रूप से सक्षम खिलाड़ी माना जाता है। उन्होंने आईपीएल में जमकर रन बनाए थे। हालांकि, विदेशी पिच पर उनका जलवा नहीं चला। मिचेल स्टार्क की एक उठती हुई गेंद को वह ठीक से नहीं खेल पाए। स्टार्क की अचानक बाउंस ही गेंद कोहली के अंगूठे से लगकर स्लिप में चली गई। वहां स्टीव स्मिथ ने शानदार कैच ले लिया। इस तरह भारत के बड़े स्कोर पर हासिल करने की उम्मीदों को जबरदस्त झटका लगा।
सलामी जोड़ी फुस्स साबित हुई
इससे पहले सलामी जोड़ी गिल और रोहित से विदेशी पिच पर भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदों को झटका लगा। रोहित को ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने विकेट के सामने एलबीडब्ल्यू कर दिया। वह 26 गेंद पर 15 रन ही बना सके। रोहित इससे पहले चार फाइनल (2007, 2013, 2014, 2017) में एक भी अर्धशतक नहीं लगा सके थे। वहीं, भारतीय क्रिकेट के नए स्टार शुभमन गिल भी कुछ खास नहीं कर पाए। उन्हें स्कॉट बोलैंड ने क्लीन बोल्ड कर दिया। वे 15 गेंद पर 13 रन बनाकर आउट हुए।
भारत की बल्लेबाजी में यह स्थिति आगामी टूर्नामेंटों के लिहाज से चिंताजनक हो सकती है। पिच पर ज्यादा देर नहीं टिक पाना या तेजी से रन बनाना तो समझ आता है कि यह आईपीएल का नतीज हो सकता है, लेकिन विदेशी पिच पर बुरी तरह फेल होना बिल्कुल भी सही संकेत नहीं है।