किसी महिला के साथ एक रात बिताकर उसे गर्भवती पर लाखों रुपये मिलने की बात हो, तो शायद ही कोई इस आॅफर पर विश्वास करे। यह ऑफर ऐसा है जिस पर सहज ही विश्वास नहीं होता है। लेकिन हमारे देश में गरीब और कुछ पढ़े-लिखे लोग भी ऐसे साइबर ठगों की गिरफ्त में आ ही जाते हैं। बिहार में पिछले दिनों एक ऐसे ही साइबर ठगों के गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जिसने सैकड़ों लोगों को निस्संतान महिलाओं को गर्भवती बनाने के लिए लाखों रुपये मिलने और इससे पहले शुल्क देने के नाम पर ठगा है।
इस गिरोह के आठ लोगों को बिहार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अभी इस मामले में लिप्त 18 लोगों की तलाश है। पिछले कुछ सालों से साइबर ठगी की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन अब भी कुछ लोग इनके झांसे में आ जाते हैं। हालांकि यह भी सही है कि ऐसे फ्राड के बारे में लोग सचेत हो रहे हैं। लेकिन बिहार में जिस तरह आल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब सर्विस के नाम पर जो लोगों को आफर किया गया, वह पढ़े-लिखे लोगों के भी विवेक को कुंद कर देने के लिए पर्याप्त है।
किसी भी अंजान महिला के साथ रात बिताने और उसके प्रेग्नेंट होने पर लाखों रुपये मिलने का आॅफर इतना आकर्षक है कि लोग इसमें फंस ही जाते हैं। जैसे ही कोई इनकी वेबसाइट पर आता है, तो यह बाकायदा बेबी बर्थ एग्रीमेंट करवाते हैं। इसके देखकर एकदम सरकारी एग्रीमेंट होने का एहसास होता है। फिर शुरू होता है, ठगने का सिलसिला। पहले रजिस्ट्रेशन के नाम पर वसूला जाता है 799 रुपये।
विश्वास जमाने के लिए कुछ महिलाओं की तस्वीर भेज दी जाती है। इसके बाद शुरू होती है किस्तों में वसूली। यदि कोई अड़ जाता है, तो कहा जाता है कि उसके खाते में पांच लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए गए हैं, लेकिन पैसे अभी शो नहीं होंगे जब तक जीएसटी का पैसा नहीं जमाकर दिया जाता है। यह ठग गिरोह जरूरत पड़ने पर पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों के छापा मारने तक की धमकी देता है। भारत की 140 करोड़ आबादी में बहुत सारे लोग ऐसे निकल ही आते हैं जो बहुत जल्दी अमीर बन जाना चाहते हैं और फिर स्त्री सुख भोगने का मौका हो, तो बात ही क्या है?
पैसा और स्त्री पुरुषों की सबसे कमजोर नस है। इसको जितना अच्छी तरह से दबाया जाए, उतना ही पैसा हथियाया जा सकता है, यह मनोविज्ञान साइबर ठग बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। वह यह भी जानते हैं कि इस मामले में ठगे जाने वाले व्यक्ति शिकायत लेकर पुलिस के पास नहीं जाने वाले हैं। समाज और परिवार में उनकी छवि को धक्का जो लगेगा। लोग उन्हें अच्छी निगाह से नहीं देखेंगे, यदि मामला खुल जाता है। यही वजह है कि आल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब सर्विस के कर्ताधर्ता पिछले एक साल से बिहार के लोगों को ठगते रहे और सैकड़ों लोगों में से कोई भी पुलिस के पास शिकायत लेकर नहीं गया। एक हफ्ते पहले जब मीडिया में यह बात सामने आई, तब जाकर बिहार पुलिस सक्रिय हुई और आठ लोग गिरफ्तार किए गए। एकाध पीड़ित को छोड़कर पुलिस बाकी पीड़ितों को खोज नहीं पाई है।
-संजय मग्गू