पाब्लो पिकासो दुनिया के सबसे ज्यादा कमाने वाले चित्रकार थे। उनका जन्म स्पेन में हुआ था। वह एक तरह से जन्मजात चित्रकार थे। बचपन में ही वे चित्र बनाने लगे थे। उनका पिता भी कला शिक्षक थे। जब वह 14-15 साल के थे, तो वे इतना अच्छा चित्र बनाने लगे थे कि उनके पिता ने अपना सारा सामान उन्हें सौंपते हुए भविष्य में चित्र न बनाने का संकल्प लिया। उनकी एक आदत थी कि वह अमीरों का चित्र बनाने के बाद खूब सारा पैसा वसूलते थे।
वहीं गरीबों या संग्रहालयों को निशुल्क चित्र दे दिया करते थे। एक बार की बात है। एक धनी व्यक्ति ने उनसे अपना चित्र बनाने को कहा। पिकासो ने कहा कि इसमें समय लगेगा। कुछ दिनों बाद उस धनी व्यक्ति ने अपने नौकर को भेजकर पुछवाया कि उसका चित्र बना या नहीं। पिकासो ने कहा कि समय लगेगा। एक साल बाद पिकासों के पास फिर नौकर आया, तो उन्होंने उनको फिर वही जवाब दिया। धनी व्यक्ति काफी नाराज हुआ, उसने तीसरी बार अपने नौकर को भेजकर पूछा कि उसका चित्र बना या नहीं। इस पर पिकासो ने कठोर शब्दों में जवाब दिया कि भगवान को भी हमें बनाने में नौ महीने का समय लगता है। हम तो साधारण इंसान हैं।
जाओ, अपने मालिक से कह दो कि अभी एक साल और लगेगा उनकी तस्वीर बनाने में। साढ़े तीन साल बाद जब तस्वीर बनकर तैयार हुई, तो पिकासो ने धनी व्यक्ति को चित्र ले जाने का संदेश भिजवाया। धनी व्यक्ति खुद चित्र लेने आया। उसने पूछा कितना भुगतान किया जाए। पिकासो ने कहा कि पांच हजार डॉलर। धनी व्यक्ति ने कहा कि थोड़ा सा रंग और कैनवास की कीमत इतनी ज्यादा है क्या? पांच-दस डॉलर के चित्र के लिए पांच हजार डॉलर मांग रहे हो। इस पर पिकासो ने कहा कि अब इस चित्र की कीमत पचास हजार डॉलर हो गई है। लेना है तो लो, नहीं तो जा सकते हैं। अंतत: धनी व्यक्ति ने पचास हजार डॉलर में वह तस्वीर ली।
-अशोक मिश्र