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फिल्म स्टॉर्स के सहारे दक्षिण भारत को साधने की कोशिश

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उत्तर भारत और मध्य भारत में अपने कील-कांटे दुरुस्त करने के बाद भाजपा ने मिशन साउथ पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। उत्तर भारत में तो राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद भाजपा मानकर चल रही है कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और हिंदी पट्टी के अन्य राज्यों में आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की बल्ले-बल्ले रहेगी। उत्तर भारत को लेकर भाजपा अति आत्म विश्वास से लबरेज है। राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार-पांच दिन दक्षिण भारत के मंदिरों में घूम-घूमकर पूजा आराधना की, वह भी मिशन साउथ का ही हिस्सा था। दक्षिण भारत में अब तक भाजपा को बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिली है।

दक्षिण भारत की तमिल और तेलुगू फिल्मों के माध्यम से लोगों को प्रभावित करने का प्रयास भाजपा समर्थक फिल्म निर्माता काफी पहले से शुरू कर चुके थे। दक्षिण भारत की कुछ फिल्मों में भाजपा, आरएसएस की नीतियों का सकारात्मक पक्ष दिखाने का प्रयास हो चुका है। फिल्मों के माध्यम से दक्षिण भारत के लोगों को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले साल दिसंबर महीने में आयोजित तमिल संगमम भी भाजपा का एक प्रयास था। तमिल और संस्कृत भाषा भाषियों को आपस में जोड़ने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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इसका दक्षिण और उत्तर भारत में काफी जोरशोर से प्रचार प्रसार भी किया गया। लेकिन अब मिशन साउथ के तहत दक्षिण भारत के फिल्मी सितारों और उनकी पार्टियों से गठबंधन करने की मुहिम भाजपा ने छेड़ दी है। भाजपा नेताओं की मानें तो दक्षिण की 84 सीटों में से लगभग 20-22 सीटों पर जीतने का लक्ष्य पार्टी ने तय कर रखा है। इसके लिए ही सारे प्रयास किए जा रहे हैं। तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश इन तीन राज्यों में वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। मोदी सरकार का प्रयास है कि जातीय समीकरण साधने के साथ-साध दक्षिण भारतीय फिल्मी सितारों को अपने साथ लाकर उनकी लोकप्रियता का फायदा उठाया जाए।

22 जनवरी को हुई प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भाजपा ने रजनीकांत, चिरंजीवी, प्रभास, धनुष, मोहनलाल आदि को इसी उद्देश्य से अयोध्या आने का निमंत्रण दिया था, ताकि दक्षिण भारतीय को यह एहसास कराया जा सके कि भाजपा को उनकी भी  उतनी चिंता है जितनी उत्तर भारतीयों की है। यही वजह है कि अब भाजपा ने अपने नेताओं को दक्षिण भारतीय फिल्मी सितारों को साधने का काम सौंप दिया है।

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भाजपा को डीएसडीके यानी देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कड़गम से समर्थन की उम्मीद तो है ही, वह फिल्म स्टार थलापति विजय की पार्टी से भी चुनावों के दौरान समर्थन की आशा कर रही है। भाजपा को विजय की पार्टी तमिझगा वेत्री कड़गम से समर्थन हासिल करने में कोई बहुत परेशानी नहीं आने वाली है। भाजपा टीडीपी से गठबंधन करने की फिराक में है। जूनियर एनटीआर, चिरंजीवी, पवन कल्याण, ममूटी जैसे कई फिल्म स्टारों को भाजपा मानने में लगी हुई है। वैसे दक्षिण भारत में फिल्म स्टारों के समर्थकों और प्रशंसकों की संख्या लाखों में होती है। इनके इशारे पर उनके समर्थक राजनीति में खेल कर सकते हैं।

संजय मग्गू

-संजय मग्गू

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