बल्लबगढ़। सत्संग भवन जगदीश कलोनी में सन्त समागम कर जगदीश जी महाराज की पुण्यतिथि मनाई गई। जिसमें सच्चिदानन्द महाराज ने मानव जीवन को दुर्लभ बताया। जप करने से ही मुक्ति सम्भव है। मानव शरीर रत्न की काया है।अनमोल है। माधवदास महाराज ने राघव की शरण को उत्तम बताया।हमे अपने अंदर के अहम को त्याग कर प्रभु की शरण मे जाना चाहिए। उदासीन साधु आश्रम के महंत कामेश्ववरानन्द महाराज ने महाराज को श्रद्धांजलि देते हुए बताया ऐसे संत धरती पर दुर्लभ पैदा होते हैं जिनका जीवन मानव जीवन के उद्धार के लिए होता है। संत समागम और हरि कथा दुर्लभ है सत्संग जरूरी है बिन सत्संग विवेक ना होइ। राम कृपा बिन सुलभ न सोई। गुरु मंत्र का पालन करना चाहिए गुरु निष्ठा से मानव कल्याण संभव है।
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भारतीय संस्कृति को दिव्या संस्कृति बताया
रामानन्द महाराज ने भारतीय संस्कृति को दिव्या संस्कृति बताया इस देव भूमि पर अनेक महान संत हुए जिन्होंने मानव जीवन का उद्धार किया कलयुग में नाम जप कि महत्वता है जीवन थोड़ा है हम सांसारिक बन्धनों में फंसे हैं राम नाम के जप से हमारा जीवन सफल हो जाएगा। बयाना धाम जो तपोस्थली है। जगदीस महाराज की वहा से पधारे महापुरुषों ने संत महिमा को अपार बताया। कथा के उपरांत सभी के लिए सुंदर प्रसाद की व्यवस्था की गई।
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