फरीदाबाद। प्राचीन शिव मंदिर राजीव कॉलोनी में चल रही राम कथा का द्वितीय दिवस शिव विवाह का प्रसंग बड़े ही सुंदर ढंग से महाराज के मुखारविंद से श्रवण करने को मिला। काशी से पधारे हुए महाराज आचार्य सर्वेश पांडे जी ने शिव जी के वैवाहिक मंगल परिणय का वर्णन ऐसे किया जैसे लग रहा हो सच में भगवान शिव की बारात निकली हो ,अद्भुत बाराती, गोस्वामी तुलसीदास जी रामचरितमानस में लिखते हैं,,,, जिस समय भगवान शिव का श्रृंगार हो रहा था
मुकुट अहि मौर सवार
भौतिक जगत में दूल्हे का स्वागत और श्रृंगार आधुनिक तरीके से होता है, लेकिन भगवान शिव का श्रृंगार भूत और प्रेतो ने कैलाश के पावन शिखर पर करना प्रारंभ किया,,, शिवहि शंभू गन करही श्रृंगारा।जटा मुकुट अहि मौर सवारा।।कंगन कुण्डल पहिरे ब्याला।तन विभुति पट के हरि छाला।। अर्थात शिव के गणो ने भगवान का श्रृंगार किया, सांप का मौर बना दिया, बिच्छू कान में पहना दिया, कंगन छोटे-छोटे सांप के बच्चे का बना दिया, श्मशान घाट का राख ले आकर भगवान का पाउडर बना लिया, बूढ़े बैल पर सवार होके भगवान जब चले डमरू बजाते हुए सारे भूत प्रेत बेताल चांडाल चुड़ैल हाकिनी डाकिनी सब भगवान शिव के बारात में चल दिए।
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जिस समय बारात भगवान शिव की हिमाचल जी के दरवाजे पर पहुंची है ऐसी बारात दुनिया में कभी देखी नहीं गई ।मैंना मैया के हाथ से सोने की थाली गिर गई उसके बाद भगवान का सुंदर स्वरूप देखकर जय जयकार हुआ वैवाहिक मंगल कार्य भगवान शिव का संपन्न हुआ। कथा के द्वितीय दिवस महाराज से आशीर्वाद लेने के लिए अपने पुत्र के जन्म उत्सव पर राजीव रंजन झा उपस्थित हुए आरके त्रिपाठी एडवोकेट आरके दुबे समाजसेवी धर्मेंद्र शुक्ला राम मोहन दीक्षित आदि लोगों ने महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्य रूप से लक्ष्मी नारायण पंडित जी एवं बब्बन दुबे जी उपस्थित हुए।
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