भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 195 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। हरियाणा के पड़ोसी राज्य दिल्ली और उत्तर प्रदेश में उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं, लेकिन अभी हरियाणा के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है। वैसे तो हरियाणा भाजपा ने बहुत पहले लोकसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन पहली सूची में हरियाणा को शामिल न करने के पीछे माना जा रहा है कि इस बार भाजपा हाईकमान कुछ सांसदों का टिकट काट सकती है। राष्ट्रीय स्तर पर भी कुछ सांसदों के टिकट कटने के आसार हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि जिन प्रदेशों की सूची जारी की गई है, उनमें उन्हीं सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए गए हैं जिसके जीतने की सौ फीसदी संभावना है। आंतरिक सर्वे में जिनके जीतने की संभावना थोड़ी कम है, उनके नामों पर हाईकमान दोबारा विचार करके ही कोई फैसला करेगा।
हरियाणा को भी शायद इसीलिए पहली सूची में नहीं किया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा की आंतरिक रिपोर्ट में हरियाणा के कुछ सांसदों की रिपोर्ट सही नहीं है। हाई कमान उनके टिकट काट सकता है। कुछ महीने पहले यह बात कही जा रही थी कि इस बार हरियाणा की दस लोकसभा सीटों में से कम से कम छह सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं, लेकिन पहली सूची के ट्रेंड को देखते हुए यह संकट छह से घटकर दो या तीन पर आ गया है। एनडीए गठबंधन में होने से जजपा को एक या दो सीटें देनी पड़ सकती हैं। यदि ऐसा हुआ तो जजपा को दी जाने वाली सीटों पर भी भाजपा सांसद का पत्ता साफ होगा। वैसे जजपा ने पांच कमेटियां बनाकर उन्हें अधिकृत किया है, वे भाजपा हाईकमान से सीटों के लिए बात करें।
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यदि भाजपा कई सीट देने को तैयार नहीं होती है, तो जजपा प्रदेश की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इस बात पर अड़े हुए हैं कि या तो भाजपा उन्हें लोकसभा सीटों में हिस्सेदारी दे, वरना वह सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। यदि ऐसा होता है, तो भाजपा को कुछ सीटों पर कड़ा मुकाबला झेलना पड़ सकता है। यदि ऐसा होता है, तो भाजपा को अपना पुराना इतिहास दोहराना संभव नहीं होगा। हालांकि प्रदेश भाजपा और सरकार को पूरा विश्वास है कि इस बार भी दस की दसों सीटों पर भाजपा को जीत हासिल होगी। उसे मोदी के नारे और राम मंदिर निर्माण जैसे मुद्दों पर पूरा भरोसा है। वैसे जब तक चुनाव परिणाम सामने नहीं आ जाते, तब तक किसी बात को दावे के साथ नहीं कहा सकता है। हरियाणा के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद ही यह कयास लगाया जा सकता है कि इस बार भाजपा को कितनी सीटें मिल सकती हैं।
-संजय मग्गू
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