हमारे पुरखे स्वास्थ्य को लेकर हमेशा सतर्क रहे। जिस युग में दुनिया के कुछ देशों के लोग अंधकार युग में जी रहे थे, उस दौरान भी हमारे पूर्वज न केवल जड़ी-बूटियों के सहारे उन दिनों होने वाली बीमारियों का इलाज कर रहे थे, बल्कि योग और आसनों के माध्यम से अपने को चुस्त-दुरुस्त रख रहे थे। आयुर्वेद में तमाम बीमारियों के कारण और निवारण तक बताए गए हैं। हमारे देश की सरकारें भी गरीबों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की हर संभव कोशिश कर रही हैं। केंद्र सरकार ने पूरे देश में गरीबों और अंत्योदयों को पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की। 23 सितंबर 2018 को रांची से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना की शुरुआत की, तो देश भर की जनता ने इसे हाथों हाथ लिया।
करोड़ों लोगों ने इस योजना के तहत अपना पंजीकरण कराया। हालांकि यह भी सही है कि इस योजना में कुछ गड़बड़ियां भी बाद में पता चलीं। एक ही मोबाइल नंबर पर हजारों लोगों के पंजीकरण पाए गए। सरकार ने जानकारी मिलते ही योजना के नाम पर गड़बड़ करने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की। कुछ निजी अस्पतालों ने मरीजों की अनभिज्ञता का फायदा भी उठाया, लेकिन इसके बावजूद गरीबों के लिए यह योजना काफी लाभकारी साबित हो रही है। हरियाणा सरकार ने आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के समानांतर चिरायु आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की। आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना में जहां प्रदेश में 29 लाख 85 हजार कार्ड बने, वहीं चिरायु योजना में कार्ड धारकों की संख्या 74 लाख 90 तक पहुंच गई।
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इतना ही नहीं, इस योजना के तहत नब्बे लाख मरीजों का इलाज किया गया और सरकार ने इस मद में 1150 करोड़ रुपये का भुगतान किया। आयुष्मान भारत योजना में जहां 1.20 लाख तक वार्षिक आय वालों को ही शामिल किया गया है, वहीं चिरायु योजना में 1.80 लाख रुपये तक वार्षिक आय वालों को शामिल करके इसका दायरा बढ़ा दिया गया है। यही वजह है कि चिरायु योजना के लाभार्थियों की संख्या आयुष्मान भारत योजना से कहीं ज्यादा है।
चिरायु योजना में छह लाख और छह लाख रुपये से अधिक आय वर्ग वालों को भी शामिल किया गया है। बस, उनसे इसके बदले में चार हजार और पांच हजार रुपये का वार्षिक प्रीमियम लिया गया है। अंत्योदय परिवारों को इन दोनों योजनाओं के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। यही नहीं, हरियाणा सरकार ने विभिन्न स्वास्थ्य कर्मियों को भी इसमें शामिल किया है। आंगनबाड़ी, आशा वर्कर और कच्चे कर्मियों को चिरायु योजना में शामिल करके उन्हें स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान किया गया है। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला प्रदेश है।
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