Sunday, December 22, 2024
23.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiप्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश

Google News
Google News

- Advertisement -

लोकसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को रिझाना शुरू कर दिया है। मतदाताओं ने भी जो संकेत देने शुरू किए हैं। ऐसा लगने लगा है कि प्रदेश के किसान सरकार से खुश नहीं हैं। इसके पीछे एक तो एमएसपी को लेकर पिछली फरवरी से चल रहा किसान आंदोलन है, तो दूसरा फसलों के नुकसान होने पर बीमा कंपनियों से समय पर नहीं मिलने वाला मुआवजा का मुद्दा है। सरकार और बीमा कंपनियों का दावा है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से प्रदेश के किसानों को बहुत फायदा हुआ है। प्राकृतिक आपदा, कीट-पतंगों आदि से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई पीएम फसल बीमा योजना का सदस्य होने पर बीमा कंपनियां करती हैं। यदि कोई नुकसान बीमा कंपनियों के दायरे में नहीं आता है, उस नुकसान की भरपाई सरकार करती है।

यदि हम प्रदेश सरकार के आंकड़ों पर विश्वास करें, तो 25 से 30 प्रतिशत तक फसलों के खराब होने पर नुकसान की भरपाई नौ हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से की जाती है। यदि 50 से 75 प्रतिशत तक फसल को नुकसान हुआ है, तो 12 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाता है। इससे ज्यादा नुकसान होने पर प्रति एकड़ 15 हजार रुपये मिलते हैं। किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जब वर्ष 2016 में लागू हुई थी, तो पहले किसानों को ठीक ठाक लाभ मिला। लागू होने के बाद तीन साल तक किसानों को समय पर फसल के नुकसान होने पर मुआवजा मिलता रहा। फसल बीमा योजना में किसानों ने भी काफी रुचि ली। लेकिन धीरे-धीरे किसानों का इस योजना से मोह भंग होने लगा और उन्होंने फसल बीमा योजना में शामिल होना कम कर दिया।

यह भी पढ़ें : बहू बोली, कोठार में भरे हैं आपके पांच दाने

वर्ष 2019 तक जहां खरीफ की फसल के लिए बीमा योजना लेने वाले किसानों की संख्या 8,29,738 थी, वहीं 2023 में यह संख्या घटकर 1,46,531 पर आ गई। किसानों का तो यहां तक कहना है कि मुआवजे के लिए जब तक सड़क पर उतर आंदोलन नहीं करते हैं, तब तक न तो सरकार उनकी बात सुनती है और न ही बीमा कंपनियां। उनका तो यहां तक कहना है कि हम किसानों का चार सौ करोड़ रुपये का मुआवजा बीमा कंपनियों पर बकाया है।

कुछ किसानों को पिछले तीन-चार साल से मुआवजा नहीं मिला है। इस मामले में विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों की जगह बीमा कंपनियों को ही लाभ हुआ है। वहीं सरकार इसे किसानों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद बता रही है। अब जब लोकसभा चुनाव के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष लोगों के बीच उतर चुका है। ऐसे में विपक्ष फसल बीमा योजना के बकाया मुआवजे को उभारने की कोशिश में जुट गया है। वहीं सत्तापक्ष उसे सबसे अच्छा बताने की कोशिश कर रही है।

Sanjay Maggu

-संजय मग्गू

लेटेस्ट खबरों के लिए क्लिक करें : https://deshrojana.com/

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Kejriwal scheme:दिल्ली की महिलाओं को 1,000 रुपये मासिक सहायता, पंजीकरण कल से

आम आदमी पार्टी (Kejriwal scheme:) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रविवार को मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत पंजीकरण सोमवार से शुरू करने की...

नौकरी नहीं है तो क्या, पांच किलो अनाज तो मिलता है

संजय मग्गूहमारे देश की अर्थव्यवस्था में मांग लगातार घट रही है। मांग में गिरावट का कारण लोगों की जेब में पैसे का न होना...

UP Sambhal:संभल में खुदाई के दौरान प्राचीन बावड़ी मिली

उत्तर प्रदेश के(UP Sambhal:) संभल जिले के चंदौसी स्थित लक्ष्मण गंज इलाके में खुदाई के दौरान लगभग 150 साल पुरानी और 400 वर्ग मीटर...

Recent Comments