संगति का असर सबसे ज्यादा होता है। यदि व्यक्ति अच्छी संगत में रहे, तो वह दुनिया का सबसे लोकप्रिय व्यक्ति बन सकता है, सबसे चरित्रवान बन सकता है, यहां तक अपने कर्मों से कुछ भी बन सकता है जो उसकी महानता और चरित्र को पूरी दुनिया में चर्चित कर सकता है। वहीं बुरी संगति सिर्फ व्यक्ति को दुष्ट बना सकती है, अत्याचारी बना सकती है। इस बात को इस प्रसंग से अच्छी तरह समझा जा सकता है। किसी देश में एक नामी चित्रकार था। वह चित्र बहुत अच्छा बनाता था। एक बार उसके मन में आया कि किसी ऐसे बच्चे का चित्र बनाया जाए, तो अत्यंत मासूम हो, जिसके चेहरे पर प्रसन्नता झलकती हो और जिसको देखने से ही पवित्र भावनाएं उभरती हों।
वह ऐसे बालक की तलाश में कई देशों में घूमा। बच्चों को वह निहारता और आगे बढ़ जाता। कई साल देश-विदेश में घूमने के बाद उसे एक बच्चा मिला। उसने उसकी तस्वीर बनाई। उस चित्र को देखते ही लोग वाहवाह कह उठते थे। उसे इस चित्र के जरिये काफी प्रसिद्धि मिली। उसने पैसा भी बहुत कमाया। इस तरह कुछ साल बीत गए। उसने सोचा कि जब एक अच्छे बच्चे का चित्र बनाया है, तो सबसे दुष्य व्यक्ति का भी चित्र बनाना चाहिए।
यह भी पढ़ें : बिना परिश्रम किए मिला ज्ञान किसी काम का नहीं
वह सबसे दुष्ट व्यक्ति का चित्र बनाने के लिए योग्य आदमी को खोजना चाहिए। अब वह अपने काम में लग गया। काफी खोजने के बाद एक व्यक्ति मिला जिसका चित्र बनाकर उसने इस बार भी खूब पैसा कमाया। एक दिन एक व्यक्ति उसके पास आया और आपने दो चित्र बनाए। उन दोनों में मैं ही हूं। यह सुनकर चित्रकार चकित रह गया। उसने पूछा कि ऐसा क्यों हुआ? उस व्यक्ति ने कहा कि संगति आपकी कला से महान है। संगति में बहुत बड़ी ताकत होती है।
-अशोक मिश्र
लेटेस्ट खबरों के लिए क्लिक करें : https://deshrojana.com/