लापरवाही और तेज गति ज्यादातर सड़क हादसों का मुख्य कारण है। कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे पर वोल्वो बस में लगी आग में दस लोग जिंदा जल गए। हादसे में 25 लोग झुलस गए हैं जिनमें से पांच लोगों की हालत काफी गंभीर है। सवाल यह है कि जब आए दिन सड़कों पर हादसे हो रहे हैं, देश और प्रदेश सरकार बार-बार वाहन चालकों और वाहन मालिकों से सुरक्षा के सभी उपाय अपनाने की बार-बार गुहार लगा रहे हैं, ऐसी हालत में वाहन चालक और मालिक सुरक्षा पर ध्यान क्यों नहीं देते हैं। केएमपी एक्सप्रेस वे पर धुलावट गांव के पास हुए हादसे के बारे में जितनी जानकारी आई है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि कुछ गलती बस चालक की थी और कुछ सरकारी स्तर पर गलतियां हुई हैं। सरकार सड़कों का निर्माण तो कर रही है,
एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इन सड़कों पर गति पर निगाह रखने वाले कैमरे या तो लगे नहीं हैं या फिर काम नहीं कर रहे हैं। नतीजा, चालक बेलगाम होकर अपने वाहन को दौड़ा रहे हैं। स्पीड मापने वाले यंत्र या कैमरे नहीं लगे होने से वाहन चालक मनमानी पर उतर आते हैं। ज्यादातर सड़कों पर अंधेरा भी सड़क हादसों का कारण बनता है। अचानक सामने वाहन के आ जाने से चालक घबराहट में गलत कदम उठा लेते हैं और हादसा हो जाता है। यदि आंकड़ों पर बात की जाए, तो पिछले साल जनवरी से अब तक एक्सप्रेस वे पर हुए हादसों में लगभग सौ ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इतना ही नहीं, कई सौ लोग घायल भी हो चुके हैं।
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हरियाणा में सड़क हादसे कम नहीं हो रहे हैं। प्रदेश में वर्ष 2021 में 10,049 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। अगले साल यानी वर्ष 2022 में यह आंकड़ा मामूली रूप से बढ़कर 10,654 हो गया। प्रदेश में वर्ष 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 4,983 लोगों की मौत हुई, जबकि वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 5,228 रहा। राज्य में इन दो वर्ष में दुर्घटनाओं में क्रमश: 7,972 और 8,353 लोग घायल हुए। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में हर दिन तीन पैदल यात्रियों और हर दूसरे दिन एक साइकिल यात्री को जान गंवानी पड़ी है।
सड़क हादसों का दुखद पहलू यह है कि इन सड़क हादसों में अपंग होने वाले लोग जीवन भर के लिए अपने परिवार पर बोझ बनकर रह जाते हैं। इनका जीवन भी बहुत कष्टमय बीतता है। इन बातों की जानकारी होने के बावजूद लोग लापरवाही बरतते हैं। अब केएमपी एक्सप्रेस वे पर हुई दुर्घटना के बारे में बात करें, तो सब चालक को पता ही नहीं लगा कि बस में आग लग चुकी है। जब लोगों ने आकर उसे बताया तो वह लोगों की मदद करने की जगह दूसरी जगह जाकर खड़ा हो गया।
-संजय मग्गू
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