2024 United States presidential election: पेरिस जलवायु समझौते (The Paris Agreement ) से अमेरिका के बाहर होने पर पूर्व राष्ट्रपति ने सफाई दी है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) ने कहा है कि उन्होंने 2017 में पेरिस जलवायु समझौते से बाहर होने का फैसला किया। इसके पीछ की वजह था धोखा। उन्होंने कहा कि यह एक ‘धोखा’ था, जिससे वाशिंगटन को एक खरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता। राष्ट्रपति चुनाव (2024 US elections) से पहले बहस के दौरान उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत, चीन और रूस इसके लिए भुगतान नहीं कर रहे थे।
2024 US elections: डोनाल्ड ट्रंप ने किए कई दावे
ट्रंप (Donald trump) रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार है। वे डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ राष्ट्रपति पद की चुनाव प्रक्रिया की पहली बहस (Donald trump) में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कई दावे किए। दोनों नेताओं के बीच अर्थव्यवस्था, सीमा, विदेश नीति, गर्भपात, राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति और जलवायु परिवर्तन पर बहस हुई।
लगभग 90 मिनट हुई बहस के दौरान 78 वर्षीय ट्रंप ने दावा किया कि पेरिस जलवायु समझौते पर एक अरब अमेरिकी डॉलर खर्च होते। अमेरिका ही एकमात्र ऐसा देश था जिसे इसका भुगतान करना पड़ता। इसे एक ‘धोखा’ बताते हुए ट्रंप ने कहा कि चीन, भारत और रूस इसका भुगतान नहीं कर रहे थे।
2024 US elections: कब अलग हुआ था अमेरिका
तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप ने वर्ष 2017 में अमेरिका को 2015 के पेरिस जलवायु समझौते से बाहर होने का फैसला लिया था। उस समय ट्रंप ने तर्क दिया था कि वैश्विक तापमान को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने का अंतरराष्ट्रीय समझौता अमेरिकी श्रमिकों के लिए नुकसानदेह था। तब ट्रंप के इस कदम की काफी आलोचना भी हुई थी।
क्या है पेरिस समझौता
पेरिस समझौते के तहत अमेरिका और अन्य विकसित देशों ने सामूहिक रूप से 2020 तक प्रति वर्ष 100 अरब अमेरिकी डॉलर का योगदान देने की प्रतिबद्धता जताई थी। ताकि गरीब और विकासशील देशों को समुद्र के स्तर में वृद्धि और गर्मी के बिगड़ते हालात जैसे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से तालमेल बैठाने में मदद मिल सके। भारत ने भी तब इसके साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता जताई थी। हालांकि, अमेरिका ने बीच में ही अपने हाथ खींच लिए।
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