Friday, October 25, 2024
29.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiनीट पेपर लीक: सवाल सरकार की विश्वसनीयता का है

नीट पेपर लीक: सवाल सरकार की विश्वसनीयता का है

Google News
Google News

- Advertisement -

जब भी कोई व्यक्ति अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति से ऊपर उठने की सोचता है, तो उसका यही सपना होता है कि वह या उसके बेटा-बेटी नीट, जेईई या यूपीएससी जैसी परीक्षाओं में उत्तीर्ण हो जाएं। एक बार परिवार के किसी सदस्य का इन जैसी परीक्षाओं में चयन हो गया, तो आर्थिक स्थिति के साथ-साथ सामाजिक रुतबे में भी बढ़ोतरी होती है। ऐसी परीक्षाओं में शामिल होने वाला कई तरह के सपने बुनता है, लेकिन जब नकल, पेपर लीक और भ्रष्टाचार जैसी बातें सामने आती हैं, तो परीक्षार्थी का विश्वास पूरी व्यवस्था से उठने लगता है। ऐसी सभी प्रतिस्पर्धाएं बहुत तनावपूर्ण होती हैं। उस पर नीट जैसी परीक्षा जिसमें देश भर में सिर्फ तीस हजार सीटें ही सरकारी मेडिकल कालेजों में होती हैं। निजी और सरकारी मेडिकल कालेजों को मिलाकर कुल लगभग एक लाख सीटें होती हैं।

सभी परीक्षार्थी का एक ही उद्देश्य होता है कि इतनी मेहनत की जाए कि उसकी रैंकिंग तीस हजार वालों में आ जाए। सरकारी मेडिकल कालेजों की तुलना में निजी कालेजों की फीस दस से बीस गुना ज्यादा होता है। इन परीक्षार्थियों में उन लोगों की भी अच्छी खासी संख्या होती है जिनका परिवार पहले से ही चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। यह सामान्य सोच है कि देश भर में खुले नर्सिंग होम्स, निजी क्लीनिक या निजी अस्पताल के संचालक या मालिक यही चाहते हैं कि चिकित्सा का यह जो साम्राज्य खड़ा किया है, उसको संभालने वाला कोई वारिस हो। एक बड़ी संख्या में डॉक्टर यही चाहते हैं कि उनका बेटा या बेटी भी डॉक्टर बने ताकि जब वे इस दुनिया से जाएं, तो उन्हें इस बात का संतोष रहे कि उनकी चिकित्सकीय विरासत संभालने वाला कोई है।

ऐसे लोगों के पास धन-दौलत की कोई कमी तो होती नहीं है, ऐसे में जब वे देखते हैं कि उनका लड़का या लड़की नीट परीक्षा पास नहीं कर सकता है, तो वे दूसरा रास्ता अख्तियार करते हैं और दूसरा रास्ता वही होता है जिसको लेकर इन दिनों पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। सरकार भी इस बात को समझती होगी, तभी तो अब तक नीट परीक्षा को रद्द कर नई तारीखों की घोषणा नहीं की गई है। अरबों रुपये के इस कारोबार के किंगपिन को पकड़ा जाए और गहराई से छानबीन की जाए, तो जो सच उजागर होगा कि गलत तरीकों और संसाधनों का उपयोग करके किसी तरह नीट परीक्षा पास करने के आकांक्षियों में चिकित्सक पुत्र और पुत्री पाए गए हैं।

नीट ही नहीं हर रोजगार और शिक्षापरक परीक्षाओं को साफ सुथरा और पारदर्शी बनाने की जरूरत है। यह सिर्फ किसी को डॉक्टर, आईएएस, पीसीएस, आईआरएस आदि बनाने का सवाल नहीं है, यह सरकार और समाज की विश्वसनीयता का सवाल है। जब सभी तरह की परीक्षाएं निष्पक्ष होंगी, तो देश के युवाओं और अन्य लोगों का व्यवस्था पर विश्वास कायम होगा। यह विश्वास उन्हें देश को आगे ले जाने का संबल प्रदान करेगा। यही सभ्य और शिक्षित समाज निर्माण में सहायक होगा।

-संजय मग्गू

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

बोधिवृक्ष

सेठ ने अपने बेटों को दी एकता की सीखअशोक मिश्र एकता में काफी बल होता है। जो समाज या परिवार इकट्ठा रहता है, उसको कोई...

युवाओं के रोजगार पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, क्या कहा…

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रोजगार सृजन को सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दा बताते हुए, विश्व बैंक से आग्रह किया कि वह रोजगार सृजन में...

US Presidential Election: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को हैरिस पर मामूली बढ़त

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव (US Presidential Election) के लिए किए गए एक सर्वेक्षण में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक...

Recent Comments