भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) प्रमुख संजय सिंह ने बृहस्पतिवार को हताश महिला पहलवान विनेश फोगाट(Vinesh WFI: ) से आग्रह किया कि वह दुखी मन से खेल से संन्यास लेने जैसा फैसला नहीं करें। वह विनेश से व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहते हैं। पेरिस में निराशाजनक घटनाक्रम से विनेश का ओलंपिक पदक का सपना चकनाचूर हो गया। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती करियर को अलविदा कह दिया। इस 29 वर्षीय पहलवान को बुधवार को ओलंपिक में अपने 50 किग्रा वर्ग के स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
Vinesh WFI: संजय सिंह ने कहा, हम उनसे बात करेंगे
संजय सिंह ने कहा कि मुझे सोशल मीडिया पर विनेश के संन्यास के बारे में पता चला और मैं यह देखकर भी हैरान हूं कि उन्होंने खुद ही संन्यास लेने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय कुश्ती महासंघ की ओर से उनसे आग्रह करूंगा कि वह दुखी मन से इतना बड़ा फैसला नहीं लें और इस निराशा से मानसिक रूप उबरने के बाद ही तर्कसंगत फैसला करें। हम उनसे इस बारे में बात करेंगे।
पहलवान अंतिम के बारे में क्या बोला
विनेश ने खेल पंचाट (कैस) में 50 किग्रा वर्ग के ओलंपिक फाइनल से पहले अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील की है, जिसमें उन्होंने संयुक्त रजत पदक देने की मांग की है। पहलवान अंतिम पंघाल के बारे में पूछने पर संजय ने कहा कि अगर महासंघ को कुछ कोच के हस्तक्षेप के बिना काम करने की अनुमति दी जाती तो देश को इस स्थिति से नहीं गुजरना पड़ता। अंतिम ने अपने एक्रिडिटेशन कार्ड (मान्यता कार्ड) के से अपनी बहन को ओलंपिक खेल गांव में प्रवेश कराने की कोशिश करके भारतीय ओलंपिक दल को शर्मसार किया। उन्होंने कहा कि यह हास्यास्पद है। भारतीय कुश्ती महासंघ को वह करने की अनुमति नहीं दी जा रही है जो हम चाहते हैं। हम अनुशासन बनाते हैं। हम चुने हुए कोचों को अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भेजते हैं। लेकिन कुछ अधिकारी मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं जिससे कुश्ती में अनुशासनहीनता हो रही है। डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने कहा कि हमें अपने हिसाब से काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए। अगर ऐसा होता तो इतनी शर्मिंदगी नहीं होती। पंघाल बुधवार को महिलाओं की 53 किग्रा श्रेणी में अपना पहला मुकाबला हारने के बाद ओलंपिक से बाहर हो गई थीं।
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