Saturday, November 23, 2024
16.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiलोकलुभावन घोषणाओं के सहारे चुनावी वैतरणी पार उतरने की मंशा

लोकलुभावन घोषणाओं के सहारे चुनावी वैतरणी पार उतरने की मंशा

Google News
Google News

- Advertisement -

लोकसभा चुनाव परिणाम आने और देश से आचार संहिता खत्म होने के बाद से ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी एक्शन मोड में हैं। वह लगातार लोगों से संपर्क में लगे हुए हैं। हर वर्ग, हर समुदाय और हर संप्रदाय से मिलकर उनकी समस्याओं के समाधान में लगे हुए हैं। इसके पीछे कारण है। कारण लोकसभा चुनाव में पांच सीटों पर मिली पराजय है। इस बार भी विधानसभा में इतनी सीटें जीतने का लक्ष्य है जिससे किसी दल से गठबंधन किए बिना सरकार बनाई जा सके। तीसरी बार प्रदेश में सरकार बनाने के लिए भाजपा और सैनी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। जब भी कहीं कोई रैली होती है, जनसंपर्क होता है तो सीएम सैनी और भाजपा के नेता यह कहना नहीं भूलते हैं कि पिछले लगभग दस साल की सरकार ने युवाओं को बिना पर्ची बिना खर्ची के नौकरी दी। जो योग्य था, उसे सरकारी नौकरी दी, रोजगार दिया। प्रदेश के 1.40 लाख युवाओं को नौकरी दी गई।

कांग्रेस सरकार में बिना भ्रष्टाचार के भर्ती होती ही नहीं थी। प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों हैप्पी कार्ड के जरिये 22.89 लाख परिवारों को एक हजार किमी तक मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान की है। छात्रों को अलग से मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान की जा रही है। प्रदेश के गरीब परिवारों को पांच सौ रुपये में गैस सिलेंडर देने को भाजपा का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। सरकार की इस नई घोषणा से करीब 49 लाख परिवारों को फायदा होने की बात कही जा रही है। महिला उद्यमियों को पांच लाख रुपये तक ऋण देने की घोषणा प्रदेश सरकार ने की है।

सरकार मानती है कि इससे प्रदेश में महिलाएं अपना उद्यम शुरू करने को प्रोत्साहित होंगी और वह अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार देंगी। इससे कम से कम एक महिला चार से पांच लोगों को रोजगार मुहैया करा सकती है। सरकार ने युवा, गरीब, किसान और महिला को ध्यान में रखकर घोषणाएं की हैं। भाजपा और सरकार सभी चौबीस फसलों को एमएसपी पर खरीदने की घोषणा को लेकर बहुत आशान्वित हैं। उनका मानना है कि इससे पिछले कई सालों से एमएसपी की मांग को लेकर आंदोलित हरियाणा के किसानों का रोष कम होगा।

असल में प्रदेश में सबसे ज्यादा संख्या किसानों की है। किसान जिसकी ओर झुकेंगे, चुनावों में उसी की जीत पक्की मानी जाती है। यही वजह है कि सभी राजनीतिक दल जातीय समीकरण साधने के साथ-साथ किसानों को भी साधने की कोशिश करते हैं। सरकार होने के नाते भाजपा ने इस मामले में बाजी मार ली है। हालांकि घोषणाएं करने में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं हैं। उन्होंने भी किसानों, महिलाओं, युवाओं और गरीबों से सरकार बनने पर कई तरह की सुविधाएं देने का वायदा कर रखा है।

-संजय मग्गू

लेटेस्ट खबरों के लिए क्लिक करें : https://deshrojana.com/

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

modi security :पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक, न्यायालय ने गवाहों के बयान संबंधी याचिका खारिज की

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को(modi security :) पंजाब सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की...

Maharashtra exit poll 2024: NDA को बहुमत के आसार, MVA को झटका

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मतदान के परिणामों को लेकर चुनावी सर्वेक्षण एजेंसियों ने अपनी भविष्यवाणियाँ प्रस्तुत की हैं। दो प्रमुख एजेंसियों, ‘एक्सिस माई...

kharge election: खरगे का दावा, महाराष्ट्र- झारखंड में कांग्रेस, सहयोगी दल सत्ता में आएंगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे(kharge election: ) ने शुक्रवार को विश्वास व्यक्त किया कि उनकी पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगी महाराष्ट्र और झारखंड में आगामी...

Recent Comments