नगर निगम के अंतर्गत पिछले लगभग 30 वर्षों से और फरीदाबाद मिश्रित प्रशासन में उससे भी पहले लगभग 26 वर्षों से जिन लगभग तीन दर्जन से भी अधिक गांवो को विकास के लिए शामिल किया गया था वे सभी इन दिनों सरकार और नगर निगम की अनदेखी के चलते अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर हैं। इन में प्राचीन व ऐतिहासिक परसोन मंदिर की पहचान से जुड़ा गांव अनखीर भी शामिल है जोकि पाश सेक्टर-21 डी के सामने स्थित है। सन-1978 में इस गांव को पंचायती राज सिस्टम से अलग करके स्थानीय नगर निकाय में शामिल करने के बादसे लेकर आज तक विकास के नाम पर इसके साथ छलावे और धोखे के अलावा कुछ नहीं हुआ है। सन- 2014 से लेकर अब तक केंद्र सहित हरियाणा प्रदेश में भी सत्तासीन वर्तमान भाजपा सरकार का रवैया भी विकास के मामले में अनखीर गांव के प्रति पूर्णत: उदासीन ही रहा है।
पूरे गांव की गलियों की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि इनमें से होकर गुजरना भी बहुत ही मुश्किल काम हो चुका है। गांव की सभी गलियां टूटी हुई हैं और जर्जर हो चुकी नालियों से गंदा पानी बहकर के इन गलियों में भर कर खड़ा रहता है। गांव के सरकारी स्कूल की हालत भी अत्यंत दयनीय है बारिश होते ही यह स्कूल तालाब का रूप ले लेता है, स्कूल के सभी कमरों की हालत जर्जर हो चुकी है। नालियों में गंदा पानी भर कर खड़ा रहता है और नगर निगम की ओर से जो कर्मचारी सफाई के लिए आते हैं वे गांव के बाहर मंदिर के साथ ही दिन भर बैठकर बीड़ी पीते रहते हैं और बिना कोई काम किए हुए ही शाम को अपने घर वापस लौट जाते हैं। इनको चेक करने के लिए भी नगर निगम की ओर से कोई अधिकारी नहीं आता है।
गांव में सरकार की ओर से चिकित्सालय, औषधालय, पार्क, सामुदायिक भवन, बैंक ,पोस्ट ऑफिस, स्टेडियम , क्रीड़ा स्थल अथवा अन्य किसी भी प्रकार की मनोरंजन सुविधाओं से जुड़ी विकास परियोजनाएं भी नगण्य है । इस गांव का दौरा करने पर लगेगा कि फरीदाबाद में उपायुक्त के अलावा नगर निगम आयुक्त , हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्रशासक सहित कोई भी अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद ही नहीं है जोकि इस ओर ध्यान दे सके।