उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में सीटें नहीं मिलने के बावजूद निषाद पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ अपने गठबंधन को बनाए रखने का ऐलान किया है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने अपने सरकारी आवास पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस फैसले की जानकारी दी।
संजय निषाद ने स्पष्ट किया कि हालांकि बीजेपी ने उन्हें उपचुनाव के लिए कोई सीट नहीं दी है, फिर भी उनकी पार्टी सभी सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशियों का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी ने निर्णय लिया है कि हम बीजेपी के साथ खड़े रहेंगे और उनकी जीत के लिए काम करेंगे।”
हालांकि, उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर नाराजगी भी जताई। निषाद ने कहा, “निषाद समाज में इस बात को लेकर गुस्सा है कि दिल्ली में उन्हें अलग आरक्षण मिला है, जबकि उत्तर प्रदेश में उन्हें इससे वंचित रखा गया है।” उन्होंने आगे बताया कि इस विषय पर उन्होंने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत की है और दीपावली के बाद इस मुद्दे पर और बैठकें होंगी।
संजय निषाद ने कहा कि बीजेपी के साथ उनके समर्थन का आधार त्याग और सहयोग का सिद्धांत है। उन्होंने कांग्रेस का उदाहरण देते हुए कहा, “जैसे कांग्रेस ने अपने बड़े दल होते हुए भी छोटे दल समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए त्याग किया है, वैसे ही हमने भी एक छोटे दल होते हुए बीजेपी के लिए त्याग किया है।”
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव प्रचार में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने “27 के खेवन हार” वाले होर्डिंग लगाए हैं, जिस पर उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि यह कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस अवसर पर कहा कि निषाद पार्टी पूरे प्रदेश में बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रही है क्योंकि वे एक गठबंधन का हिस्सा हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि उपचुनाव में विपक्षी दलों, विशेषकर सपा, को हार का सामना करना पड़ेगा। ब्रजेश पाठक ने यह भी कहा कि निषाद समाज उस समय को कभी नहीं भूलेगा जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और उन्हें जो कठिनाइयाँ झेलनी पड़ी थीं।
इस प्रकार, निषाद पार्टी ने अपनी प्रतिबद्धता और सहयोग का एक स्पष्ट संकेत दिया है, जबकि आगामी उपचुनाव के लिए अपनी रणनीति को लेकर भी तैयार हैं।