हरियाणा के सफीदों से भाजपा विधायक रामकुमार गौतम ने कहा है कि उन्हें कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा से घृणा नहीं है और वह उन्हें एक अच्छे इंसान मानते हैं। उनका कहना था कि भूपेंद्र हुड्डा के अंदर देशभक्त चौधरी रणबीर सिंह का खून है, और इसलिए वह उन्हें गलत नहीं मानते। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जब वे हुड्डा के खिलाफ बोलते थे, तो यह उनकी मजबूरी थी, क्योंकि भाजपा की सत्ता में आने के लिए ऐसी बातें कहनी जरूरी थी।
गौतम यह बयान शनिवार को नारनौंद के दादा देवराज धर्मशाला में आयोजित एक कार्यक्रम में दे रहे थे, जहां उन्होंने भाजपा की चुनावी रणनीतियों और अपनी राजनीतिक यात्रा पर चर्चा की। गौतम ने कहा कि अगर किसी को यह गलतफहमी है कि उनकी वजह से भाजपा की सरकार बनी है, तो वह यह भ्रम निकाल दे। उनका कहना था कि भाजपा की जीत का मुख्य कारण सैनी समाज के समर्थन था और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की बात एक “ट्रंप कार्ड” साबित हुई थी।
रामकुमार गौतम ने यह भी कहा कि वह शुरू से ही भाजपा की सरकार बनने की उम्मीद रखते थे और जींद में डंके की चोट पर उन्होंने दावा किया था कि भाजपा 50 सीटें हासिल करेगी और सैनी समाज से मुख्यमंत्री बनेगा। उनका यह भी कहना था कि अगर वे भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ नहीं बोलते, तो भाजपा की सरकार कभी नहीं बन पाती। उनके अनुसार, यह सब रणनीति का हिस्सा था, जिसे उन्होंने अपने चुनावी भाषणों में व्यक्त किया था।
इसके साथ ही, गौतम ने अपनी निजी राजनीतिक यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि वह पिछले पांच साल से मंत्री पद की दौड़ में थे, लेकिन उन्हें कभी भी मंत्री नहीं बनाया गया। 2019 में, वह जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के टिकट पर नारनौंद सीट से चुनाव लड़े थे और भाजपा के गठबंधन से कैप्टन अभिमन्यु को हराकर चुनाव जीतने में सफल रहे थे। हालांकि, उन्हें जेजेपी कोटे से मंत्री नहीं बनाया गया, जिससे उनका दुष्यंत चौटाला से विवाद हो गया था। इसके बाद, 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले, उन्होंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया और जनता से वादा किया कि वे अगले चुनाव में एक “पावरफुल विधायक” बनेंगे।
गौतम ने भाजपा में शामिल होने के बाद सफीदों विधानसभा से चुनाव लड़ा और फिर जीत हासिल की, लेकिन एक बार फिर उन्हें मंत्री पद नहीं मिला। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह सब ईश्वर की इच्छा पर निर्भर है। विधानसभा में 25 अक्टूबर को विधायकों की शपथ के दौरान, जब प्रोटेम स्पीकर रघुबीर कादियान ने उन्हें यह कहा कि इस बार भी उनका नंबर नहीं आया, तो उन्होंने इसे ईश्वर की इच्छा मानते हुए शांतिपूर्वक जवाब दिया।
रामकुमार गौतम के इन बयानों से यह स्पष्ट है कि उनकी राजनीतिक यात्रा कई उतार-चढ़ाव से भरी रही है, लेकिन अब भी वे भाजपा के साथ अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त हैं।