लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (air pollution:)ने शुक्रवार को उत्तर भारत में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इस संकट से निपटने के लिए राजनीतिक दोषारोपण नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने वायु प्रदूषण से संबंधित एक वीडियो ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, जिसमें वह इस संकट के प्रभाव के बारे में बात कर रहे थे।
राहुल(air pollution:) गांधी ने कहा, ‘‘उत्तर भारत में वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय आपातकाल है। यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट है जो हमारे बच्चों का भविष्य छीन रहा है और बुजुर्गों का दम घोंट रहा है। यह एक पर्यावरणीय और आर्थिक आपदा है जो अनगिनत जिंदगियों को नष्ट कर रही है।’’
उन्होंने(air pollution:) बताया कि ‘‘सबसे गरीब लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, जो अपनी चारों ओर फैली जहरीली हवा से बच नहीं पाते। परिवारों को स्वच्छ हवा की कमी का सामना करना पड़ रहा है, बच्चे बीमार हो रहे हैं और लाखों जिंदगियां खत्म हो रही हैं। पर्यटन घट रहा है और हमारी वैश्विक प्रतिष्ठा भी धूमिल हो रही है।’’
राहुल गांधी के अनुसार, प्रदूषण का बादल सैकड़ों किलोमीटर तक फैला हुआ है और इसे साफ करने के लिए सरकारों, कंपनियों, विशेषज्ञों और नागरिकों की ओर से बड़े बदलाव और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें राजनीतिक दोषारोपण की नहीं, बल्कि सामूहिक राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की जरूरत है।’’
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, ‘‘जैसे ही संसद की बैठक शुरू होगी, सभी सांसदों को आंखों में जलन और गले में खराश के कारण इस संकट का एहसास होगा। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम एकजुट होकर इस समस्या पर चर्चा करें और यह सुनिश्चित करें कि भारत इस संकट को हमेशा के लिए समाप्त कर सके।’’