केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल(Constitution Museum:) और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को ओ पी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय में भारत के पहले संविधान संग्रहालय का उद्घाटन किया। बिरला ने विश्वविद्यालय में एक सभा को संबोधित करते हुए इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।
उन्होंने इस कार्य के लिए विश्वविद्यालय के (Constitution Museum:)कुलाधिपति और भाजपा सांसद नवीन जिंदल को श्रेय दिया। बिरला ने कहा कि यह संग्रहालय वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को संविधान से परिचित कराएगा। उल्लेखनीय है कि संग्रहालय का उद्देश्य संविधान के आवश्यक तत्वों और प्रमुख प्रावधानों के बारे में समझ बढ़ाना है और लोगों को यह बताना है कि इसके मूल्यों और आदर्शों ने राष्ट्र को किस प्रकार आकार दिया है। नवीन जिंदल ने कहा कि संविधान संग्रहालय हमारे पूर्वजों के दृष्टिकोण की याद दिलाता है।
उन्होंने बताया कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जो संविधान सभा के अथक प्रयासों और परिश्रम के कारण अस्तित्व में आया। मेघवाल ने कहा, “समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व हमारे संविधान की आधारशिला हैं। हम समानता को स्वतंत्रता से पहले रखते हैं, क्योंकि यह अधिक महत्वपूर्ण है… डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने कहा था, हम तभी स्वतंत्र रहेंगे, जब हमारे पास समानता होगी।”