क्या अपने पेट की लटकती हुई मोटी चर्बी से आप भी परेशान हैं? क्या जिम जाने के बाद आपको कोई फायदा नहीं नज़र आ रहा? तो घबराइए मत आज हम आपको बताएंगे एक ऐसे आसन के बारे में जिसका नाम है नौकासन, इसकी मदद से आपके पेट की चर्बी कुछ दिनों में ही कम होने लगेगी और इसका असर आपको जल्द ही देखने को मिल जाएगा। यह एक बेहद सरल आसन है जोकि आपके शरीर की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। यह फिजिकल हेल्थ को सुधारने में सहायक है। आइए जानते हैं नौकासन के बारे में और विस्तार से।
पेट की चर्बी को कम करता है नौकासन
नौकासन दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है नौका और आसान। नौका का अर्थ होता है नाव और आसन का अर्थ होता है सीट। इस आसन के अभ्यास के दौरान आपका शरीर नाव की मुद्रा में आ जाता है। इसे नियमित रूप से करने से पेट की चर्बी केवल कुछ ही दिनों में कम हो सकती है। दरअसल जब आप इस आसन को करते हैं तो आपके पेट की मसल्स में खिंचाव आता है। जिससे मसल्स संकुचित हो जाते हैं। जोकि पेट की चर्बी को कम करने में मददगार होते हैं। इस आसन का अभ्यास करने के दौरान पेट की अंदरूनी मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है जिससे कि ब्लड सरकुलेशन बढ़ता है। यह आसन एब्स बनाने के लिए भी बेहद मददगार साबित होता है। इससे पेट के साइड की भी चर्बी कम होती है। रोजाना करीब 20 मिनट तक इस आसन को करने से कुछ ही इन में आपको रिजल्ट नज़र आने लगेगा। हालांकि इसके साथ साथ आपको अपने खाने पर भी ध्यान देने की जरूरत है। आपको अपनी डाइट में फाइबर युक्त, कम कैलरी वाला आहार शामिल करना चाहिए।
नौकासन करने के और भी कई फायदे
नियमित रूप में नौकासन करने से पेट और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके अलावा पैर और बाहों की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। यह आपके शरीर को टोन करने में मदद करता है। यह शरीर के निचले हिस्से को भी मजबूत बनाने में मदद करता है। इसके अलावा इस आसन से पाचन संबंधित बिमारियों से छुटकारा मिलता है और लीवर और पेनक्रियाज को भी यह मजबूत बनता है।
कैसे करें नौकासन?
- सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं,इस दौरान पैरों को एक साथ रखें।
- हाथों को अपने शरीर के बगल में लगाकर रखें।
- अब गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए छाती और पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं।
- इसके बाद अब बाहों को पैरों के नीचे की तरफ रखें।
- अब धीरे धीरे बाँहों को ऊपर की ओर लाएं।
- ऐसा करने से आपके पेट की मांसपेशियों के सिकुड़ने से नाभी के आस पास के क्षेत्र में तनाव महसूस होगा।
- इसके बाद इस मुद्रा में रहते हुए गहरी सांस लेते रहें।